उप-संपादक मोहन सिंह की कलम से :
योजना में भ्रष्टाचार चरम पर है, साथ ही रोज़गार गारंटी योजना के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं
मस्टर रॉल में बन रही श्रमिकों की फर्जी हाजिरी
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (विशेष रपट)। मजदूरों को रोजगार की गारंटी देने वाली केन्द्र की मनरेगा योजना जिम्मेदारों के लिए दुधारू गाय साबित हो रही हैं। योजना में भ्रष्टाचार चरम पर है, साथ ही रोज़गार गारंटी योजना के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। योजना में भ्रष्टाचार को रोकने हेतु एनएमएमएस सिस्टम लागू किया गया हैं जिसमें साइड पर जो मनरेगा मजदूर काम करते हैं उनकी मस्टर रॉल में आनलाइन हाजिरी रोजगार सेवक या मेठ द्वारा लगानें का नियम है। इसके अनुसार मजदूरों का काम करते हुए फोटोग्राफ्स भी अपलोड किया जाता है जो फोटो साफ सुथरी और ऊंचे स्थान से खड़े होकर खींचा गया हो जिसमें मजदूरों का चेहरा स्पष्ट रूप से दिखाई दे कि जिन मजदूरों की हाजिरी मस्टरोल में लगी हो वही मजदूर फोटो में प्रर्दशित हो लेकिन नौतन प्रखंड के शिवराजपुर पंचायत में जनप्रतिनिधियों व मनरेगा कर्मी की मिलीभगत से नियमों की खूब धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मामला नौतन प्रखंड के ग्राम पंचायत शिवराजपुर का है जहां कमल साह के खेत से संजय मिश्रा के खेत तक सुरक्षात्मक बांध निर्माण कार्य मे 29/3/23 को मस्टरोल में 60 मजदूरों की हाजिरी तो लगाई गई लेकिन अपलोड फोटो में मजदुर कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।वही स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत पर जब कार्यस्थल का मुआयना किया गया तो कही भी मजदूर भी कार्य करते हुए नही पाए गए।इतना ही नही कार्यस्थल को देखकर ही पता चलता है कि कार्यस्थल पर लगभग एक महीने हल्की मिट्टी डालकर भराई की गई है।सबसे विचित्र बात यह है कि चल रहे कार्य में कुल 60 मजदूरों में 26 महिला मजदूरों की भी ऑनलाइन हाजरी बनाई गई थी। वही कार्यस्थल पर कहीं भी डिस्पले बोर्ड नहीं लगा दिखाई दे रहा, जबकि सरकारी आदेशानुसार हो रहे कार्यों पर डिस्पले बोर्ड पहले लगाए जाएं।वही ग्रामीण सूत्रों की माने तो पंचायत में चल रही आधा दर्जन मनरेगा की योजनाओं में सिर्फ कागज पर काम हो रहा है धरातल पर कार्य का तो पता ही नही है।हालांकि ग्रामीणों ने बताया कि जिले के वरीय पदाधिकारियों द्वारा अगर पंचायत में मनरेगा योजनाओं की स्थलीय जांच हो तो मनरेगा लूट का खुलासा हो सकता है। इस मामले में जब मनरेगा पीओ रंजीत कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं अभी मीटिंग में हूँ बाद में बात करता हूँ।अब सबसे बड़ा सवाल है की सुरक्षात्मक बांध निर्माण कार्य मे बिना मजदूरों के ही 60 मजदूरों की फर्जी हाजरी बनाकर क्या बांध को सुरक्षात्मक बनाया जा सकता है?क्या इसके जिम्मेवार लोगों पर कार्रवाई होगी?