विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :
जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने भाजपा पर देश के भ्रष्टाचारियों को अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए संरक्षण देने और मुकदमों से बरी कराने का आरोप लगाया है
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
पटना, (विशेष रिपोर्ट)। जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने भाजपा पर देश के भ्रष्टाचारियों को अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए संरक्षण देने और मुकदमों से बरी कराने का आरोप लगाया है और कहा है कि भाजपा नेताओं द्वारा नैतिकता और ईमानदारी की बातें बेमानी है। उन्होंने कहा कि भाजपा को केवल विरोधियों में भ्रष्टाचार दिखाई देता है अपने साथियों में नहीं। आज़ यहां जारी एक बयान में श्री ठाकुर ने कहा है कि देश भर में गला फाड़कर भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने वाले भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का दोहरा चरित्र अब देश वासियों से छुपा नहीं है। आप कितने भी बड़े घोटालेबाज है, भ्रष्टाचारी और अपराधी है भाजपा के समर्थन में आते ही दूध के धुले हो जाते हैं। ऐसे अनेक उदाहरण है मौजूद हैं। अभी अभी ताजा मामला एनसीपी नेता और पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल का है जिसका केस बंद करने का आवेदन सीबीआई ने न्यायालय से यह कहते हुए दिया है कि इनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। ज्ञात हो कि 840 करोड़ के विमान घोटाले के मामले में सीबीआई ने एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल पर जांच की कार्रवाई बंद करते हुए कोर्ट से केस समाप्त करने का अनुरोध किया है। श्री पटेल पहले शरद पवार की एनसीपी के सांसद थे तब यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री थे। इन पर तब एयर इंडिया को विमान आवंटन में 840 करोड़ रुपए की हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए 2017 में मुकदमा दर्ज किया गया था। जब अजीत पवार ने एनसीपी को तोड़ कर भाजपा गठबंधन के साथ शामिल हुए तब प्रफुल्ल पटेल भी अजीत पवार के साथ हो गये। भाजपा गठबंधन में आते ही अजीत पवार पर लगे सात हजार करोड़ के कोआपरेटिव घोटाला और छग्गन भुजवल के घोटाले के मामले रद्दी की टोकरी में डाल दिये गये। इन तीनों घोटालेबाजों को सीबीआई क्लीन चिट दे रही है। क्या यह भाजपा का दोहरा चरित्र नहीं है? क्या भाजपा सरकार सीबीआई और ईडी का उपयोग नेताओं/ दलों को धमका कर अपने समर्थन में लाने के लिए नहीं कर रही है? श्री ठाकुर ने कहा है कि भाजपा अपने सांसदों – नेताओं के नामी बेनामी संपत्ति की जांच क्यों नहीं कराती। बिहार में बहुचर्चित सृजन घोटाले की जांच में शिथिलता क्यों बरती जा रही है? बालू माफिया, शराब माफिया, जमीन माफिया सभी बिहार में जदयू,राजद और भाजपा से संरक्षित है। इन माफियाओं पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। लब्बोलुआब यह कि हमाम में सभी नंगे हैं और उक्त सभी राजनीतिक दल बिहार एवं देश के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं।