विशेष ब्यूरो दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :
सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने व परीक्षा नहीं देने वाले नियोजित शिक्षकों को पटना हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
पटना, (विशेष रिपोर्ट)। बिहार के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों के लिए काम की खबर है। सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने और परीक्षा नहीं देने वाले नियोजित शिक्षकों को पटना हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने नई शिक्षक नियमावली के नियम चार को निरस्त कर दिया है। यानी अब सक्षमता परीक्षा पास करना अनिवार्य नहीं है। परीक्षा पास नहीं करने वाले और परीक्षा में शामिल नहीं वालों की नौकरी नहीं जाएगी। पटना हाईकोर्ट ने बिहार विद्यालय विषय विशिष्ट शिक्षक नियमावली को चुनौती देने वाली एक दर्जन से अधिक अर्जी पर सुनवाई के बाद पिछले 15 मार्च को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस फैसले को मंगलवार को सुनाया। मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति हरीश कुमार की खंडपीठ ने 15 अर्जी की सुनवाई के बाद 88 पन्ने का आदेश दिया। कोर्ट ने बिहार में कार्यरत स्थानीय निकाश शिक्षकों के सक्षमता परीक्षा को सही ठहराया।
कोर्ट ने नई शिक्षक शिक्षक नियमावली 2023 के नियम चार के परन्तुक को समाप्त कर दिया। इसके तहत कहा था कि नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा और यह भी कहा गया था कि शिक्षको पास करने के लिए पांच अवसर दिए जाएंगे। नौकरी जाने तक की बात भी कही गई थी। लेकिन, अब कोर्ट ने इस नियम को ही समाप्त कर दिया। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि निर्धारित उचित शर्तों के तहत प्रत्येक संवर्ग के लिए पदोन्नति पर विचार किया जाए। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सक्षमता परीक्षा 2024 का परिणाम घोषित कर दिया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने वर्ग 9 से 10 और 11 से 12वीं के शिक्षकों का परीक्षाफल घोषित कर दिया गया है। कक्षा 9 से 10 तक के शिक्षकों की परीक्षा में कुल 20,842 शिक्षक शामिल हुए, जिसमें कुल 20,354 शिक्षक पास हुए।