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Post: बागी प्रत्याशी बिहार में बिगाड़ेगे खेल, पार्टी कैडिडेट के खिलाफ दावेदारी

बागी प्रत्याशी बिहार में बिगाड़ेगे खेल, पार्टी कैडिडेट के खिलाफ दावेदारी

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

चर्चा में पूर्णिया, काराकाट, नवादा

टिकट नहीं मिलने से नाराज बागियों ने सभी दलों की टेंशन बढ़ा रखी है
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ब्यूरो डेस्क)। लोकसभा चुनाव में सभी दल जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। लेकिन टिकट नहीं मिलने से नाराज बागियों ने सभी दलों की टेंशन बढ़ा रखी है। इस बार आधा दर्जन बागी अपने ही दल के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव में ताल ठोक रहे हैं। पक्ष हो या विपक्ष, दोनों ही धड़ों में बागी उम्मीदवार हैं। महागठबंधन में पूर्णिया सीट सबसे अधिक चर्चा में है। यह राजद के हिस्से में गयी है। लेकिन जाप का कांग्रेस में विलय करने वाले पप्पू यादव ने इस समझौते को मानने से इनकार कर दिया। वे निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं। जदयू की विधायकी छोड़ राजद के टिकट पर ताल ठोक रहीं बीमा भारती को सहयोगी दल कांग्रेस के नेता पप्पू यादव से मुकाबला करना पड़ रहा है। दिलचस्प यह कि टिकट नहीं मिलने से नाराज राजद नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव पप्पू यादव का साथ देने की घोषणा कर चुके हैं। इसी तरह नवादा में राजद ने श्रवण कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। यहां पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव के भाई और विधायक विभा देवी के देवर विनोद यादव ने बागी तेवर अपनाते हुए निर्दलीय नामांकन भरा है। विनोद को विधायक भाभी विभा देवी के अलावा प्रकाश वीर का भी साथ मिल रहा है। सार्वजनिक मंचों पर विनोद के साथ दोनों विधायक दिख चुके हैं। सीवान में राजद ने उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। पूर्व विधायक अवध विहारी चौधरी को उम्मीदवार बनाने की चर्चा है। इनकी उम्मीदवारी पर हिना शहाब की नजर है। राजद के टिकट पर पिछला चुनाव लड़ चुकी हिना ने ऐलान कर रखा है कि वे निर्दलीय भी चुनावी मैदान में उतरेंगी। हिना को पप्पू यादव और देवेन्द्र प्रसाद यादव ने भी समर्थन करने की घोषणा कर दी है। एनडीए धड़े में काराकाट में बागी उम्मीदवार की स्थिति बनती दिख रही है। यहां से रालोमो सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा चुनाव मैदान में हैं। पश्चिम बंगाल के आसनसोल से चुनाव लड़ने से इनकार करने वाले भोजपुरी स्टार व भाजपा नेता पवन सिंह ने काराकाट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। सूत्रों के अनुसार उनकी बसपा सुप्रीमो मायावती से भी मुलाकात हुई है। पवन सिंह का निर्दलीय या बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। बक्सर में भाजपा ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को बे-टिकट करते हुए पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवार बनाया है। अश्विनी चौबे इससे नाराज बताए जा रहे हैं। वे बक्सर में ही रहने की हुंकार भर रहे हैं। अंतिम चरण में यहां चुनाव होना है। अगर चौबे भी चुनावी मैदान में उतर गए तो पार्टी के लिए परेशानी हो सकती है। इस बार दर्जन भर सांसद बेटिकट हुए हैं। इसमें लोजपा के पशुपति कुमार पारस, प्रिंस राज, चंदन सिंह, महबूब अली कैसर शामिल हैं। पशुपति कुमार पारस ने एनडीए के साथ होने की घोषणा की है लेकिन बाकी खामोश हैं। भाजपा से अश्विनी कुमार चौबे, छेदी पासवान, रमा देवी और अजय निषाद बेटिकट हुए हैं। निषाद कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं जबकि छेदी पासवान और रमा देवी के दूसरे दलों से सम्पर्क साधने की चर्चा है। जदयू से कविता सिंह, महाबली सिंह, विजय मांझी, सुनील पिंटू बेटिकट हुए हैं। इन सांसदों का अपने गठबंधन के प्रत्याशियों के प्रति क्या रवैया होगा, यह आने वाला समय ही बताएगा।

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