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Post: पश्चिमी चंपारण जिले में इस बार मतदाताओं में नही दिख रहा मतदान के प्रति उत्साह

पश्चिमी चंपारण जिले में इस बार मतदाताओं में नही दिख रहा मतदान के प्रति उत्साह

बेतिया डेस्क से मोहन सिंह की कलम :

इस बार चुनाव में पड़ेगा सुशासन का प्रभाव

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (चम्पारण डेस्क)। लोकसभा चुनाव 2024 पश्चिम चंपारण में आगामी 25 मई को होना सुनिश्चित है, लेकिन फिर भी अब तक मतदाताओं में कोई उत्साह नहीं देखा जा रहा है। हालांकि जिला प्रशासन पूरी तैयारी के साथ हर रोज मतदान के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है फिर भी चुनाव के प्रति लोगों में कोई विशेष चर्चा भी सुनने को नहीं मिल रही है।आपको बता दें कि पश्चिम चंपारण जिले में दो लोकसभा सीट आती है पहला नम्बर वाल्मीकिनगर संसदीय सीटऔर दूसरा पश्चिम चंपारण सीट।वाल्मीकिनगर पर जदयू का कब्जा है तो वहीं पश्चिम चंपारण संसदीय सीट पर भाजपा का कब्जा है। मतदाताओं का मानना है कि इस बार चुनाव में सुशासन की सरकार का असर पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता। वैसे तो सर्वाधिक मतदाता नरेंद्र मोदी के फैन दिखाई तो दे रहे हैं लेकिन सुशासन के प्रभाव से मतदाता नाराज एवं आक्रोशित भी दिखाई दे रहे है। नौतन एवं लौरिया शराब कांड तथा बलथर कांड का जख्म अभी पूरी तरह से भर भी नहीं पाया है बिहार में अफसर शाही पूरी तरह से बेकाबू है। बिना पैसा का लोगों का कोई काम नहीं हो पाता है। बिहार सरकार की नल-जल योजना एक सफेद हाथी साबित हुई है।नल तो दिखाई देता है लेकिन नल में जल नहीं आता। सप्ताह में एक बार नल में जल भी आता भी है तो कई स्थान पर नल में नाली का पानी गिर रहा है। लोगों को मरने की व्यवस्था पूरी तरह से कर दी गई है। वही बिहार सरकार की सात निश्चय योजना हवा हवाई साबित हुई है। मनरेगा के नाम पर अनेक प्रखंडों में लूट जारी है। केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना मात्र एक छलावा साबित हो रहा है।आयुष्मान भारत कार्ड का कोई महत्व नहीं है ।ना कहींके उसका उपयोग किया जा रहा है न ही इसकी विस्तृत जानकारी लाभार्थियों को दी जा रही है जबकि काफी ढिंढोरा पीट कर केंद्र सरकार कि इस योजना का प्रचार प्रसार किया गया था जो महज एक दिखावा साबित हुई है।

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