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Post: बुनियादी सुविधा का राह देख रहा इंडो नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र का दुर्गम गांव चकदहवा

बुनियादी सुविधा का राह देख रहा इंडो नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र का दुर्गम गांव चकदहवा

जिला ब्यूरो, नसीम खान “क्या” की रिपोर्ट :

पहले प्रत्याशी इस क्षेत्र के विकास की गारेंटी दें तभी वोट देंगे-ग्रामीण

न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला

नसीम खान “क्या”

– अमिट लेख

बगहा, (ब्यूरो रिपोर्ट)। इंडो नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र चकदहवा बुनियादी सुविधा के लिए आज भी राह देख रही हैं। यह गांव विवादित सुस्ता और इंडो नेपाल नोमेन्स लैंड से सटे बसा हुआ है। चकदहवा परिक्षेत्र में चार गांव बसे हुए है। इन गांवों के लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए आज भी करिश्माई नेता की बाट जोह रहे है ।जो इस क्षेत्र का विकास कर सके। बतादें की पेयजल,बिजली,शिक्षा,मेडिकलऔर गांवों तक पहुंचने के लिए सड़कें नहीं है। बतातें चलें कि बगहा वाल्मीकिनगर मुख्य सड़क मार्ग रहुआ टोला मोड से करीब 3 से चार किलोमीटर की दूरी पर चकदहवा, बिन टोली, कांही टोला आदि गांव बसा हुआ हैं जो गंडक नदी का बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है। इंडो नेपाल सीमा सुरक्षा के लिए एसएसबी के कई कैम्प बी लगे हुए हैं जिन्हें भी आपात स्थिति में मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है। बतादें की गांव तक पहुंचने के लिए कच्ची सड़क तो हैं लेकिन उससे होकर गुजरना किसी कलाकारी से कम नहीं होता है। और तो और बरसात के गिरते ही कच्ची सड़क नरक के समान हो जाती है। यह क्षेत्र पूरी तरह से अन्य क्षेत्रों से कट जाता है। इस परिस्थिति में बच्चों की पढ़ाई चौपट हो जाती है और अगर कोई बीमार हो जाता है या गर्भवती महिला के प्रसव काल हो तो समझा जा सकता है कि हालात क्या होते होंगे। गांव वासी शिवजी, गुलाब, ज्ञानचंद आदि लोगों ने कहा कि इसलिये इन क्षेत्रों के वोटरों ने मन बनाया है कि प्रत्याशी पहले विकास की गारेंटी दें तभी वोट देंगे।

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