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हरनाटांड से खजुरिया-भड़छी संपर्क मार्ग से यातायात दुष्कर

लगभग 12-13 वर्ष पहले एक पूर्व मंत्री के खासम-खास एजेंसीयों द्वारा पुल का निर्माण किया गया था। जो निर्माण के तुरंत बाद से हीं गिरना प्रारम्भ हो गया

विगत दो चुनावों से आसन्न विधायक भीं महज दिलासा देने के अतिरिक्त इस दुर्दशा से इस क्षेत्र के लोगों को नहीं उबार सके हैं।

हमारे प्रतिनिधि जगमोहन काजी की रिपोर्ट :

– अमिट लेख

हरनाटांड, (बगहा ग्रामीण)। वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत थरूहट की राजधानी हरनाटांड से खजुरिया ,भडछी को जोड़ने वाले सड़क के बीच में एक जंगली नदी पड़ता है, जिसपर लगभग 12-13 वर्ष पहले एक पूर्व मंत्री के खासम-खास एजेंसीयों द्वारा पुल का निर्माण किया गया था। जो निर्माण के तुरंत बाद से हीं गिरना प्रारम्भ हो गया।

पुल की स्थिति आज तक दयनीय बना पड़ा है। इस बाबत जनता ने बताया कि पुल टूटने के कारण इस मार्ग से आवाजाहि करने के क्रम में दुर्घटनाग्रस्त होकर अबतक लगभग 10 लोगों से अधिक की मृत्यु हो चुकी हैं। और निरंतर दुर्घटना होने की सम्भावना बनी रहती है। हास्यास्पद तो यह की घटिया निर्माण के परिचायक इन टूटे पुल पुलियों में एक पुल ऐसा भी है जिसने रात्री प्रहर आवागमन करने क्रम में उसे बनानेवाले राजगीर मिस्त्री की हीं इहलीला समाप्त कर डाला। सडक के समतल होने से अनभिज्ञ यात्री तेज रफ़्तार में वाहन से यातायात करने के क्रम में अनायास दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है, कारण अचानक पुल के टूटे होने से वाहन समेत यात्री दुर्घटना का शिकार बन बैठता है।

बीच में पुल टुटा होने से अनभिज्ञ इस कड़ी में बाइक सवारों को हीं मौत का शिकार होना पड़ा है, कारण लोगों को पता हीं नहीं चलता कि अच्छे सड़क में पुल पुलियों के निर्माण से जुड़े संवेदकों और सड़क महकमे के अभियंताओं की मिलीभगत से धन उगाही के चलते मौत की खाई तैयार की जा चुकी है। इस कारण भी काफी दुर्घटनाएं हुई और काफी लोग मारे गये। अमिट लेख ने अपने तत्कालीन अंकों में विधिवत इस विषयक समाचार निरंतर प्रकाशित कर प्रशासन का ध्यान इस ख़तरनाक मार्ग पर आकृष्ट कराते आया है। परन्तु इससे इतर अबतक प्रशासन भीं गंभीर नहीं हुआ और ना हीं निर्माता एजेंसी द्वारा जगह जहाँ दुर्घटने से यात्रियों को बचाने हेतु किसी प्रकार का सूचना अथवा चेतावनी का साइन बोर्ड हीं लगवाया जा सका है। ऐसे में छात्र/छात्राओं जो कि थरूहट क्षेत्र की राजधानी के नाम से विख्यात शिक्षा के गढ कहे जाने वाले हरनाटांड आवागमन इन्हीं पुलों के माध्यम से करने को विवश हैं। जो, पुल पुलियों के टूटने के चलते ख़तरनाक हैं। ऐसे में बाजार करने अथवा छात्र/छात्राओं को पढ़ने जाने आने से जुड़े पारिवारिक सदस्यों के मन में नित्य दिन उनके सकुशल वापसी का संशय बना रहता है। खासकर बरसात के समय छात्र/छात्राओं को स्कूल जाने से वंचित रहना पड़ता है। जनता बताती है की पुल के निर्माण के लिए वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक धिरैन्द्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह से निरंतर बात भी किये परन्तु विगत दो चुनावों से आसन्न विधायक भीं महज दिलासा देने के अतिरिक्त इस दुर्दशा से इस क्षेत्र के लोगों को नहीं उबार सके हैं।

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