



एक्सेक्लूसिव रिपोर्ट
भूमि अतिक्रमण से जुड़े वाद संख्या 02/2012-13 के सन्दर्भ में माननीय उच्च न्यायालय में दायर एक रिट आवेदन के आलोक में दिया फैसला
मझौलिया अंचल के अमवा मझार फुलवारी टोला निवासी हुसैन मियां के रिट आवेदन के आलोक में सुनाया फैसला
वाद कर्ता के विद्वान अधिवक्ता बिमलेश पाण्डेय ने हुसैन मियां बनाम सरकार वगैरह के मामले में जमकर दी दलील और प्रशासनिक भूमिका का हुआ पटाक्षेप
माननीय उच्च न्यायालय ने फैसले में आदेश दिया है की अतिक्रमण वाद 02/2012-13 का निपटारा यदि सीओ मझौलिया आगामी छह सप्ताह में नहीं सुलझाते तो सीओ समेत जिलाधिकारी पश्चिम चम्पारण के वेतन पर लगेगी रोक
हमारे सह संपादक की एक्सेक्लूसिव रिपोर्ट :
– अमिट लेख
बेतिया, (मोहन सिंह)। मझौलिया अंचल से जुड़े गैर मजरुआ आम जमीन के अवैध कब्ज़ेवारी से जुड़े एक मामले वाद संख्या – 02/2012-13 के मामले में माननीय उच्च न्यायालय पटना ने मझौलिया के अमवा मझार फुलवारी टोला निवासी हुसैन मियां पुत्र स्व. वकील मियां की ओर से क्रमशः बिहार सरकार के प्रधान सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार, जिलाधिकारी पश्चिम चम्पारण, अनुमंडल पदाधिकारी बेतिया, अंचलाधिकारी मझौलिया, अंचल अमीन मझौलिया समेत उक्त जमीन के अवैध कब्जेवार गांव अमवा मझार, फुलवारी टोला थाना मुफ्फसिल बेतिया निवासी क्रमशः लालबाबू पटेल पुत्र जगदेव पटेल, शम्भू सिंह पुत्र स्व. बंशीलाल सिंह, हारून मियां पुत्र स्व. हादेश मियां, श्रवण पासवान पुत्र स्व. रघुनाथ पासवान, पुनदेव महतो पुत्र स्व. रामचंद्र महतो एवं शिवचंद्र महतो पुत्र विशुन महतो के विरुद्ध दायर एक रिट याचिका के आलोक में सुनवाई करते हुये दिनांक 04/04/2023 को स्पष्ट ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। की यदि आगामी छह सप्ताह के भीतर सीओ मझौलिया लंबित भूमि अतिक्रमण वाद 02/2012-13 के आलोक में इस मामले में बिहार पब्लिक लैंड इंक्रोचमेंट एक्ट 1956 के तहत पीड़ित पार्टी के सन्दर्भ में हुयी सुनवाई के आलोक में सटीक कार्यवाई नहीं करते तो सीओ मझौलिया समेत जिला समाहर्ता पश्चिम चपारण के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी जाएगी।
उल्लेखनीय है की हुसैन मियां के घर से जुड़े सरकारी गैर मजरुआ आम ज़मीन पर चिन्हित छह लोगों ने। अवैध कब्ज़ा जमाते हुये स्थानीय प्रभाव से अंचल को मेल में लेते हुये पीड़ित हुसैन के घर तक आवाजाहि करने के रास्ते पर पाबन्दी लगा दी है। साथ हीं इस मामले में दायर उक्त वाद 02/2012-13 अंचल से जिला तक लंबित बनाते हुये उसे ठंढ़े बस्ते में डाल दिया गया है। लिहाजा आवेदक पीड़ित एवं उसके पारिवारिक जनों को अपने घर तक जाने का मार्ग अवैध अतिक्रमण से अवरुद्ध हो गया है तथा हुसैन मियां लगतार दफ़्तरों और हाकिमों का चक्कर लगाने से तंग होकर माननीय उच्च न्यायलय में अपनी ओर से एक रिट याचिका विद्वान अधिवक्ता बिमलेश पाण्डेय,उच्च न्यायालय पटना के निर्देशन में दायर कराया था।
जिसपर तेज तर्रार विद्वान अधिवक्ता बिमलेश पाण्डेय ने मामले में व्याप्त अनेकों कानूनी त्रुटियों पर माननीय न्यायालय का ध्यान आकृष्ट कराते हुये अपने मुवकील के पक्ष में अवरोधक बनी तमाम प्रशासनिक व्यवधानों को विफल करा दिया।