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भाजपा राज की भ्रष्टाचार कथा -3 : 15 वॉट का बल्ब 15,000 रूपये और 12 वॉट का 12,000 रुपये में..!

आलेख/प्रसंग-वश  

(संजय पराते द्वारा संकलित : गतांक से आगे)

अवैध अनुबंध (उत्तर प्रदेश) :

योगी सरकार के तीन मंत्रियों के निजी सचिव रिश्वत लेते पकड़े गए। पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर, खनन राज्य मंत्री अर्चना पांडे और बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह के सचिव ठेके या तबादले के लिए पैसे मांगते पाए गए।

अवैध रेत खनन घोटाला (मध्य प्रदेश) :

राज्य में अवैध रेत माफिया शिवराज सिंह चौहान सरकार के पूर्ण समर्थन से फल-फूल रहा है और अपराधियों में ज्यादातर सीएम के रिश्तेदार हैं। 2017 में सीएम ने घोषणा की थी कि नर्मदा से अवैध रेत खनन नहीं होगा। इसके बाद अवैध रूप से खनन की गई रेत से ओवरलोड ट्रक और डंपर एक खनन अधिकारी द्वारा पकड़े गए। बाद में पता चला कि ये डंपर सीएम के छोटे भाई के बेटे के थे।

आईएल एंड एफएस घोटाला :

एक और कंपनी, इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएल एंड एफएस) की देनदारियों में लगातार चूक के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है। 31 मार्च 2018 तक कंपनी पर बैंकों, वित्तीय संस्थानों और आम निवेशकों का 91,000 करोड़ रुपये बकाया था। कंपनी का शुद्ध लाभ 900% गिर गया है। इसका कर्ज 44% बढ़ गया और अब उसके पास कर्ज चुकाने के लिए संसाधन नहीं हैं। इसकी इक्विटी को अब रेटिंग एजेंसियों द्वारा ‘जंक’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस प्रकार ऋण को भुनाने की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया गया है। भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी, सबसे बड़े बैंक एसबीआई और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पास आईएल एंड एफएस की 40% इक्विटी है। एलआईसी और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के 40% शेयर वाली कंपनी पर 91,000 करोड़ रुपये का कर्ज कैसे जमा हो गया? आग में घी डालने का काम करते हुए पीएमओ और वित्त मंत्रालय अब आरबीआई, एसबीआई, एलआईसी और एनएचएआई पर इस कंपनी को बचाने के लिए दबाव डाल रहे हैं। यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि कंपनी के 35% शेयर विदेशी निवेशकों के पास हैं, जिनमें एक जापानी फंड और एक अबू धाबी फंड प्रमुख हैं। भारतीय संस्थानों को इस बीमार कंपनी को बचाने के लिए मजबूर करके मोदी सरकार विदेशी निवेशकों को भी बचा रही है। सरकार सार्वजनिक धन का उपयोग करके आईएल एंड एफएस को बचाने में असाधारण रुचि क्यों दिखा रही है?

इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला सहकारी बैंक घोटाला (छत्तीसगढ़) :

छत्तीसगढ़ में इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक में 2003 से लेकर 2006 में धोखाधड़ी के प्रकाश में आने तक लगभग 54 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई थी। बैंक ने मुख्यमंत्री रमन सिंह, जो उस समय बैंक के प्रबंधक भी थे, और उनके मंत्रियों को भारी रकम की पेशकश की थी। दिवंगत पीसीसी प्रमुख नंद कुमार पटेल के पुत्र दिनेश पटेल की कांग्रेस के काफिले पर माओवादियों द्वारा किए गए हमले में उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह इस घोटाले को सीडी के माध्यम से उजागर करने वाले थे, जिसमें पर्याप्त सबूत थे।

इंडिगोल्ड रिफाइनरी घोटाला (गुजरात) :

इंडिगोल्ड रिफाइनरी को कच्छ में उद्योग लगाने के लिए आबंटित दो लाख वर्ग मीटर जमीन को दूसरी व्यावसायिक फर्म को बेचने की अनुमति दी गई थी। मोदी सरकार की तत्कालीन राजस्व मंत्री आनंदीबेन पटेल ने संबंधित नियमों का उल्लंघन करते हुए बिक्री की अनुमति दी थी। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने आबंटन को रद्द कर दिया और पटेल की कार्रवाई को ‘मनमाना’ बताया।

आईएफएफआई मेगा घोटाला (गोवा) :

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के दौरान भारी भ्रष्टाचार हुआ था, जिसके कारण राज्य के खजाने को नुकसान हुआ था। सीएजी ने आईएफएफआई 2014 के लिए कुछ कार्यों की निविदा में 5 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया है। सीएजी की रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि इसके अलावा, आईएफएफआई आयोजित करने वाली नोडल एजेंसी एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा (ईएसजी) ने सजावट आदि के लिए अलग से नियुक्त एजेंसियों द्वारा किए गए कार्यों के लिए 61.69 लाख रुपये का अतिरिक्त व्यय किया है। सीएजी ने यह भी खुलासा किया कि ईएसजी ने प्रतिनिधियों को वितरित किए जाने वाले 11,500 टोट बैग खरीदने के लिए 40 लाख रुपये खर्च किए, लेकिन केवल 8,400 बैग ही आपूर्ति किए गए और बाकी का कोई हिसाब नहीं है।

जय शाह घोटाला :

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी का टर्नओवर मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एक साल में 16,000 गुना बढ़ गया। एक साल में कंपनी का राजस्व महज 50,000 रुपये से बढ़कर 80,00,00,000 रुपये से अधिक हो गया।

कामेंग जल-विद्युत परियोजना घोटाला (अरुणाचल प्रदेश) :

नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (नीपको) के मुख्य सतर्कता अधिकारी सतीश वर्मा की रिपोर्ट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू, उनके चचेरे भाई और अरुणाचल प्रदेश के ठेकेदार गोबोई रिजिजू और नीपको के कई शीर्ष अधिकारियों पर दो बांधों के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। ये बांध 600 मेगावाट की कामेंग हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना का हिस्सा थे। रिपोर्ट के अनुसार, यह घोटाला 450 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

एल एंड टी भूमि घोटाला (गुजरात) :

वडोदरा में भूमि आवंटन में एलएंडटी को 80 लाख रुपये का अनुचित लाभ दिया गया। यह भूमि 2005 और 2006 में प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना के लिए आबंटित की गई थी। इसके अलावा, गुजरात सरकार ने 2008 और 2010 में एलएंडटी को भूमि की कीमत में 30% ‘विशेष’ रियायत देकर 129 करोड़ रुपये का राजस्व खो दिया।

भूमि घोटाला (गुजरात) :

गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की बेटी अनार पटेल ने राज्य सरकार से मामूली दरों पर 422 एकड़ जमीन खरीदी। जमीन 15 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से दी गई, जबकि जमीन की स्टांप ड्यूटी दर 180 रुपये प्रति वर्ग मीटर थी, जिससे अनार पटेल को 91.6% की छूट मिली।

भूमि घोटाला (उत्तराखंड) :

बीजेपी के पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल 400 करोड़ रुपये के जमीन घोटाले में फंसे थे। उन्होंने बीजेपी के करीबी एक रियल एस्टेट डेवलपर को 400 करोड़ रुपये की जमीन महज 13 करोड़ रुपये में आबंटित कर दी। ऐसा कथित तौर पर 15 एकड़ के औद्योगिक भूखंड का भूमि उपयोग बदलने के बाद किया गया था। कथित तौर पर भूमि-उपयोग परिवर्तन शुल्क भी माफ कर दिया गया था।

भूमि घोटाला (कर्नाटक) :

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने जनवरी 2012 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहते हुए कथित तौर पर 10 एकड़ जमीन को मंजूरी दी थी। जमीन का बाजार मूल्य करीब 3 करोड़ रुपये प्रति एकड़ था, जबकि सरकार ने इसका मूल्य करीब 60 लाख रुपये प्रति एकड़ बताया था। 2017 में राजस्व विभाग ने इस शर्त का उल्लंघन करने के कारण इस आबंटन को रद्द कर दिया था कि प्रस्तावित संस्थान को आबंटन जीते के दो साल के भीतर ही स्थापित कर दिया जाना चाहिए था।

भूमि घोटाला (गोवा) :

गोवा औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी) से जुड़े फील्ड मैनेजर दिलीप मालवंकर को एसीबी ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। उसने टुएम इंडस्ट्रियल एस्टेट में किसी के लिए प्लॉट आबंटित करने के बदले में रिश्वत मांगी थी। वह गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर के बहनोई हैं।

एलईडी बल्ब घोटाला (राजस्थान) :

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) को अनुचित रूप से ऊंची कीमत पर एलईडी बल्ब की आपूर्ति की गई। ठेकेदार ने पीएचईडी को 15 वॉट का बल्ब 15,000 रुपये प्रति पीस, 9 वॉट का बल्ब 972 रुपये और 12 वॉट का बल्ब 12,000 रुपये में बेचा। एसीबी ने कहा कि सेंट्रल स्टोर की मालवीय नगर इकाई के अधिकारियों ने बिना सत्यापन के ठेकेदार के 2 करोड़ रुपये के बिल को मंजूरी दे दी।

भूमि घोटाला (छत्तीसगढ़) :

छत्तीसगढ़ के मंत्री और भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल की पत्नी सरिता अग्रवाल ने एक रिसॉर्ट बनाने के लिए 4.12 हेक्टेयर सरकारी स्वामित्व वाली वन भूमि का अधिग्रहण किया। इसके अलावा इसी प्रोजेक्ट के लिए 13.9 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण किया गया था। अतिक्रमण को इंगित कर कंपनी को नोटिस भेजा गया। इस पर कंपनी की प्रतिक्रिया थी कि वे केवल अपनी जमीन अपने पास रख रहे हैं। रिकॉर्ड यह भी दिखाते हैं कि कंपनी ने इस ‘अतिक्रमित’ भूमि के बदले में भूमि का एक और टुकड़ा देने की पेशकश की।

(क्रमशः जारी)

लेखक प्रसिद्ध समाचार पत्र लोक जतन के संपादक और अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव हैँ।

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