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Post: आजादी के दशकों बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित कुकरधरी पलार ग्रामीण

आजादी के दशकों बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित कुकरधरी पलार ग्रामीण

जिला ब्यूरो संतोष कुमार कि रिपोर्ट :

कीचड़मय सड़क पर उतर किया ग्रामीणों ने विरोध : प्रदर्शन

न्यूज़ डेस्क, जिला सुपौल

संतोष कुमार

– अमिट लेख

सुपौल, (ए. एल. न्यूज़)। जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल क्षेत्र के ग्राम पंचायत गुड़िया के अंतर्गत कुकरधरी पलार वार्ड नंबर 10 में लोग वर्षों से सड़क की समस्याओं से जूझ रहे हैं।

फोटो : संतोष कुमार

वार्ड सदस्य जय कृष्ण यादव के नेतृत्व में सोमवार को वार्ड के महिला पुरुषों व बच्चों ने कच्ची व कीचड़मय सड़क पर उतर कर विरोध -प्रदर्शन किया है। ग्रामीणों के मुताबिक इन्हें सुलभ जीवनयापन के लिए कोई सड़क सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। उन्हें मताधिकार तो मिला है लेकिन इसका फायदा चुनाव लड़ने वालों तक सीमित है। चुनाव जीतने के बाद सरपंच से लेकर विधायक-सांसदों को इस वार्ड की बेहतरी के लिए समय नहीं मिला। ये हालात वर्तमान में नहीं बने, बल्कि आजादी के बाद से ही उपेक्षा का दंश इस गांव के लोग झेलते आ रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार इस वार्ड में कई सरकारी योजना संचालित है। न ही इस वार्ड से शहर की ओर जाने के लिए पक्की सड़क मार्ग ही यहां निर्मित हो सका है। इसके अलावा उनका जीवन नरक समान है। यदि किसी घर में कोई बीमार पड़ जाए तो यहां पर एंबुलेंस आदि का आना नामुमकिन है। ग्रामीण ही अपने बीमार स्वजन को चारपाई पर लेटाकर उसे कांधे पर रखकर शहर की ओर भागते हैं। वार्ड के बच्चों को स्कूल जाने के लिए भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विरोध प्रदर्शन में शामिल वार्ड सदस्य जयकृष्ण यादव ,संजय कुमार,अशोक कुमार यादव,दुलीचन्द यादव,सुबोध यादव,राजकुमारी देवी,ललिता देवी आदि ने बताया कि वे आज भी समस्या रूपी गुलामी में जीने को विवश हैं। उनका कहना है कि सरकार द्वारा दर्जनों योजनाएं चलाई जा रहीं हैं। ग्राम विकास के दावे किए जा रहे हैं लेकिन इसका लाभ कुकरधरी पलार पर बसे वार्ड के लोगों को नहीं मिला है। पंचायत के प्रतिनिधियों से लेकर अनुमंडल, प्रखंड तक के जिम्मेदारों को यहां के हालातों के बारे में पता है। इसको लेकर कई बार शिकायतें की गई, राहत मांगी गई लेकिन हुआ कुछ नहीं। प्रशासनिक अधिकारी समस्याओं पर तमाशबीन बने हुए हैं। जनप्रतिनिधियों की तरह अधिकारी भी शिवाय कोरी घोषणाएं करने के अलावा कोई राहत नहीं दे सके हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गुड़िया पंचायत के कुकरधरी पलार पर बसे इस वार्ड की दूरी प्रखंड मुख्यालय से मात्र लगभग 10 किमी की है।यहां पर करीब पांच सौ घर बसे हैं। जिनका व्यवसाय खेती करना व मवेशियों का पालन-पोषण है। सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को खेतों की पगडंडी, उबड़खाबड़ रास्तों से दूसरे वार्ड आना-जाना पड़ता है। ग्रामीणों के साथ-साथ यहां के स्कूली छात्र के सामने भी स्कूल जाने के लिए संकट की स्थिति है। ग्रामीण बताते हैं कि यहां गर्भवती महिलाओं से लेकर किसी घर में कोई बीमार पड़ जाए तो उसकी खैरियत का सहारा सिर्फ ईश्वरीय प्रार्थना है। गांव के लोगों ने जिला प्रशासन से इस गांव में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है। विकास के नाम पर मंचों से जनप्रतिनिधि-प्रशासन भले ही कितना ही ढिंढोरा पीट ले लेकिन ग्राम पंचायत गुड़िया के अंतर्गत जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती नजर आ जाएगी। आजादी के दशकों बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के लिए लोग तरस रहे हैं। शासन-प्रशासन के जिम्मेदारों को इससे कोई सरोकार नहीं है, इससे ग्रामीणों में आक्रोश भी बढ़ रहा है। पूछने पर त्रिवेणीगंज प्रखंड विकास पदाधिकारी अभिनव भारती ने जानकारी देते हुए बताया मामला आपके माध्यम से सज्ञान में आया है। अचार संहिता के बाद जांच कर पंचायती राज से जो भी होगा वार्ड वासियों के हित मे किया जाएगा।

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