



जहाँ मेधावियों की गुंजती है किलकारी
कस्बे सहित जनपद का हर वर्ष बढ़ रहा मान
इंटरनेशनल और अंतर्राजयीय अथवा जनपदीय सभी प्रतियोगिताओं में बाजी मार रहे इस विद्यालय के बच्चे
हमारे प्रतिनिधि अज़हरुद्दीन अंसारी :
– अमिट लेख
सिसवा बाजार, (महराजगंज)। शिक्षा के व्यवसायिक प्रणाली से जुड़े कस्बे-कस्बे, गांव-गांव, क्या देहात क्या शहर हर एक जगह कोई ना कोई विद्यालय देखने को मिल हीं जायेगा। सरकारी व्यवस्था से जुड़े स्कूलों के गिर रहे शिक्षा स्तर और सामान्य पद्धति तथा भाषाई फर्क ने आज के डिजिटल और तकनिकी युग में आये दिन।
अहर्ता के बावजूद बढ़ रही बेरोजगारी से अपने-अपने नौनीहालों को उचित मार्ग पर विश्वपटल के सम्मुख धकेल कर खड़ा करने कि होड़ ने समाज के हर तबके का ध्यान निजी प्रबंधन से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों की ओर आकृष्ट करने का काम किया है। अंग्रेजी माध्यम से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों की इस दौर में यदि यह कहा जाय की बल्ले-बल्ले है तो शायद अतिश्योक्ति नहीं।
शायद यहीं कारण प्रमुख भीं है की देश के कोने-कोने में निजी विद्यालयों की धूम सी मची नज़र आती है। यह बात भले हीं दीगर है की इन निजी प्रबंधन से जुड़े बहुतेरे स्कूलों में प्राइवेट नर्सिंग होम्स के तर्ज़ पर अभिभावकों की जेबों पर बड़ी साफगोयी से उस्तुरा भी चलाने की परिपाटी चल निकली है।
परन्तु यक्ष प्रश्न यह भी है की अभिभावक करें भीं तो क्या? कैसे सामान्य परिवेश में पाल पढ़ा कर अपने बच्चों को सफलता की सीढ़ी पर चढ़ाने में सफल हो सके। मज़बूरी और हालत से दो चार होते हुये भी महँगी शिक्षा की ओर नौनीहालों को धकेलना सबकी विवशता है।
ऐसे में छोटे मोटे क़स्बानुमा शहर में यदि कोई ज्ञानी गुरु इन सब विषम परिस्थितियों के ठीक विपरीत निजी प्रबंधन के अपने विद्यालय में सहजता के साथ शिक्षा का दान करने में जुटा नज़र आये तो निसंदेह उसकी ओर कलम को मोड़ना नेक दिली का सुबूत माना जायेगा।
इस आलेख में “अमिट लेख” आपको उत्तरप्रदेश के महराजगंज जनपद के एक प्रमुख नगरपालिका के रूप में शुमार होनेवाले सिसवा बाजार की ओर मुख़ातिब करना चाहता है। जहाँ वैसे तो इंग्लिश माध्यम के अनेकों निजी संस्थान हैं।
परन्तु इन सबसे परे एक विद्यालय ऐसा भीं है जो आज की महँगी शिक्षा प्रणाली को धत्ता बताते हुये। अपने छात्र-छात्राओं को जहाँ उचित और अनुशासित शिक्षा मुहैया करा रहा है। वहीं इस विद्यालय के बच्चे निरंतर स्कूल स्तर के प्रतियोगी परीक्षाओं अथवा अन्य प्रतिस्पर्धाओं में बाज़ी मारकर आज सिसवा समेत अपने परिजनों और जनपद का मान बढ़ाने के लिए चर्चित होने लगे हैं।
उल्लेखनीय है की मलवरी विद्यालय के छात्र नज़ीफ सैफ ने 2023-24 सत्र का एमएसएम सैनिक स्कूल के प्रवेश परीक्षा में बाजी मारा है तो वहीँ अर्णव जायसवाल ने 2023-24 का गुरुकुल कुरुक्षेत्र में अपना नामांकन सुनिश्चित कर लिया है। साथ हीं इंटरनेशनल बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में साँची अग्रवाल ने अपना नाम किया है। विद्यालय की छात्रा अदृका जायसवाल ने इंटरनेशनल इंग्लिश एंड जीके ओलम्पिक 2023 में पहला रैंक लाकर विद्यालय समेत जनपद का मान बढ़ाई है। बताते चले कि सृष्टि शुक्ला इंटर स्टेट पब्लिक स्पीच कम्पटीशन में टॉपर नंबर वन का ख़िताब बटोरकार यक़ीनन क्षेत्र का नाम किया है।
वहीँ अरुण जायसवाल ने इंटर स्टेट खोखो प्रतिस्पर्धा में नंबर वन मुकाम बनाकर जनपद को गौरवान्वित किया है। मलवरी विद्यालय कि प्राचार्या शुभ्रा सिंह जायसवाल ने “अमिट लेख” को बताया कि उनके कुशल शिक्षकों के द्वारा विद्यालय के छात्र-छात्राओं का उचित मार्गदर्शन होता है। विद्यालय में पठन-पाठन के अतिरिक्त सभी छात्र-छात्राओं को प्रतिस्पर्धा के लिए अतिरिक्त तैयारी भी कराई जाती है। जिससे बच्चों का मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक विकास होता है। उन्होंने अपने समस्त लगभग 550 छात्र-छात्राओं के अभिभावकों सहित अपने विद्यालय के गुरुजनों के प्रति आभार प्रगट करते हुये जताया कि हमारा मलवरी तो महज एक माध्यम है
नौनीहालों में संस्कृति के साथ-साथ शिक्षा और विजेता के भाव भरने का दरअसल मिलनेवाली उन सभी सफलताओं की चाभी विद्यालय के समस्त गुरुजन और बच्चों के अभिभावक जनों के पास है। जिनके उचित मार्गदर्शन में विद्यालय के हमारे छात्र-छात्राएँ ऊँची छलांग लगाने में हिचक नहीं करते। सिमित संसाधनों के बवजूद प्राचार्या ने आगामी दिनों में विद्यार्थियों के और बेहतर प्रदर्शन की सम्भावना जताई है जो वास्तव में एक सराहनीय पहल है।