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विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :
अब सरकार बनाने में बने अहम साथी नीतीश कुमार कब तक रहेगे एनडीए के साथ..
बिहार से आठ सांसद को मिला है मंत्री मंडल में जगह
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
पटना, (ए. एल. न्यूज़)। राजनीति में कब कौन किसका साथी बन जाए और कब कौन किसका दुश्मन बन जाए यह कहा नहीं जा सकता है। राजनीति गलियारों में जो आपके अभी सबसे बड़े दुश्मन हैं वो अगले ही मोड़ पर आपके सबसे विश्वसनीय साथी बन जाते हैं। कल तक जो आपको सत्ता से बाहर करने का दावा कर रहे थे, वो, ही आपको सत्ता में लाने की अहम कड़ी के रुप में काम करते हैं। हम बात कर रहे हैं बिहार के सीएम नीतीश कुमार की। एक वक्त था जब सीएम नीतीश ने 2024 में पीएम मोदी को केद्र की सत्ता से बाहर करने की कसम खाई थी। वहीं आज सीएम नीतीश केंद्र में एनडीए की सरकार बनाने में पीएम मोदी के अहम साथी बन गए हैं। यहां तक की जब 7 जून को एनडीए की संसदीय दल की बैठक हुई तो सीएम नीतीश ने कहा कि, वो चाहते हैं कि पीएम मोदी आज ही शपथ ले लें। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 के रिजल्ट के बाद नई सरकार की गठन हो गई है। पीएम मोदी बीते दिन प्रधानमंत्री पद की शपथ ले लिए हैं। लेकिन बीजेपी को नई सरकार बनाने में एनडीए की दो घटक दल टीडीपी और जदयू की जरुरत है। अकेल बहुमत के आंकड़े को पार करने वाली बीजेपी इस बार बहुमत पार करने से चूक गई है। बीजेपी के हिस्से में 240 सीट आए हैं वहीं एनडीए को 293 सीट मिले हैं। जिससे बहुमत साबित कर केंद्र में एनडीए की सरकार बन गई है। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा कि हमेशा पलटी मारने वाले और एक वक्त पर पीएम मोदी को सत्ता से बेदखल करने वाले सीएम नीतीश आखिरी एनडीए का साथ कब तक देंगे? सीएम नीतीश कब तक पीएम मोदी के विश्वासनीय साथी बनकर रहेंगे? ज्ञात हो कि, आज से करीब एक साल पहले सीएम नीतीश ने विपक्षी गठबंधन को एकजुट कराने की कवायद शुरू की थी। सीएम नीतीश विपक्ष को एक साथ लाने के लिए राजद सुप्रीमो लालू यादव, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, यूबीटी के उद्धव ठाकरे सहित तमाम विपक्ष के नेताओं से मुलाकात की। सीएम नीतीश ने विपक्षी नेताओं से मुलाकात के बाद पटना में 23 जून को विपक्षी गठबंधन की पहली बैठक की। राजधानी पटना में तमाम विपक्षी नेता एकजुट हुए और केंद्र से बीजेपी की सरकार को हटाने की कसमें खाई। जिसके बाद बेंगलुरु और मुंबई मे विपक्षी गठबंधन की दो और बैठक हुई। लेकिन इन बैठक में केवल गठबंधन को नाम मिला, विपक्ष के लोगों के बीच हुई गठबंधन को इंडिया गठबंधन का नाम दिया गया। तब विपक्ष के नेताओं के साथ-साथ सीएम नीतीश ने भी जितेगा भारत, जितेगा इंडिया का नारा दिया। लेकिन मुंबई में हुई तीसरी बैठक के बाद ही गठबंधन में नाराजगी देखने लगी। आखिरीकार वहीं हुआ जिसकी आशंका जताई जा रही थी। इंडिया गठबंधन के संयोजक और पीएम पद के दावेदार बनने का सपना देखने वाले सीएम नीतीश ने बिहार में महागठबंधन का साथ छोड़ते हुए एक बार फिर एनडीए का दामन थाम लिया। सीएम नीतीश ने 28 जनवरी को एनडीए के साथ मिलकर रिकॉर्ड नौवीं बार सीएम पद की शपथ ली। जिसके बाद सीएम नीतीश ने लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए की ओर से जबरदस्त चुनाव प्रसार किया। लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए को बिहार में 40 में से 30 सीट मिली। बीजेपी को 12, जदयू को 12, लोजपा(रा) को 5 और हम को 1। वहीं लोकसभा रिजल्ट के बाद सीएम नीतीश की कद बढ़ गई है। सीएम नीतीश एनडीए के महत्वपूर्ण साथी के रुप में काम कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश ने दावा किया है कि वो शुरू से ही बीजेपी के साथ थे, लेकिन बीच में वे इधर-उधर चले गए थे। सीएम ने कहा कि इस बार वो कहीं नहीं जाएंगे वो अब बीजेपी के साथ ही रहेंगे। हालांकि हम सीएम नीतीश के दावे में कितनी सच्चाई है ये तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल जदयू की ओर से एनडीए को एक बार फिर छोड़ देने के तमाम दावों को खारिज किया जा रहा है। जदयू का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार अगले पांच सालों के लिए बनी है और टीकी भी रहेगी। गौरतलब हो कि कहीं ना कहीं बीजेपी को भी सीएम नीतीश के पलट जाने का डर सता रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लोकसभा चुनाव के दौरान दावा किया है कि सीएम नीतीश भले बीजेपी के साथ हैं लेकिन उनका मन राजद के साथ है। तेजस्वी ने ये भी कहा था कि सीएम नीतीश कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। तेजस्वी यादव ने कहा था कि वो सीएम नीतीश के अधूरे सपने को पूरा करेंगे। वहीं लोकसभा नीतीजे आने के बाद सोशल मीडिया पर सीएम नीतीश के पलट जाने की चर्चा तेज हो गई थी। कयास लगाए जा रहे थे कि सीएम फिर पलटी मारेंगे। हालांकि फिलहाल बीजेपी में केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने में सफल हो गई है। आज से पीएम मोदी ने अपने तीसरी कार्यकाल की शुरूआत कर ली है। पीएम मोदी के साथ 72 मंत्रियों ने शपथ ली है। जिसमें 8 मंत्री बिहार से और दो मंत्री जदयू से शामिल हैं। बरहाल अब आगे देखने वाली बात होगी सीएम नीतीश कब तक पीएम मोदी की साथी के रुप में रहते हैं।