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Post: जहरीली शराब से आहत पीड़ित परिजनों से मिले जाप सुप्रीमों

जहरीली शराब से आहत पीड़ित परिजनों से मिले जाप सुप्रीमों

सरकार सभी दलो के साथ बैठकर शराबबंदी कानुन पर पुर्नविचार करे सीएम,पप्पू यादव

एक एक मृतकों के परिजनों से मिलकर उन्हें दिया संतावना। सहानुभूति के तौर पर प्रत्येक परिवार को भेंट किया दस हज़ार

मीडिया से मिलने क्रम में सरकार को शराब आपूर्ति बहाल करने और शराब बंदी पर समीक्षा करने का दिये नसीहत

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
मोतिहारी, (विशेष)। पूर्वी चम्पारण जिले में जहरीली शराब से मौत की घटना के बाद मोतिहारी पहुंचे जाप सुप्रीमो पूर्व सांसद पप्पू यादव सोमवार प्रभावित क्षेत्रो का भ्रमण किया और मृतक के परिजनों से मुलाकात किया। वहीं उसके बाद सदर अस्पताल में इलाजरत लोगो से मिलकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। मौके पर यादव ने पत्रकारों से कहा कि जहरीली शराब आम लोगों की जिंदगी के लिए नासूर बन गई है। यह शर्मनाक भी है कि शराबबंदी वाले राज्य में लगातार लोग जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं। शराबबंदी अच्छे नियत से की गई थी, लेकिन समय समय पर उसकी समीक्षा किए बैगर इसे जारी रखने से जनता की जान और प्रदेश के राजस्व को हानि हो रहा है। फिलहाल नतीजा सबके सामने है।रोज लोग शराब ही पीकर मर रहे हैं और शराबबंदी से विकास के हजार करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। गांव-गांव व शहर में शराब की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है और इसी के आधार पर वर्तमान में ड्रग्स का भी कारोबार पनप गया है। उन्होने कहा कि शराबबंदी में जहरीली शराब से मौत की घटना हुई है। जो अबतक का रिकार्ड ब्रेक कर रहा है। पीड़ित लोगों से मुलाकात कर 10 परिवार को पार्टी की ओर से तत्काल 10-10 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी की। हम सरकार से मांग करते हैं कि राज्य सरकार द्वारा बिहार में जहरीली शराब पीकर मरने वालों के आश्रितों को जो 4 लाख रुपये का मुआवजा की बात हुई है, वह अविलंब मिले। साथ ही हम यह भी आग्रह करेंगे कि 2016 के बाद से जो लोग जहरीली शराब से मरे हैं, डर व अन्य कारणों से जिनका नाम रिकार्ड में नहीं आया। उनके परिजनों के लिए भी सरकार सोंचे। कहा कि सस्ती और जहरीली शराब पीकर लोगों की जान जा रही है। इसलिए मुख्यमंत्री जी, शराब पर 70 प्रतिशत टैक्स लगा दीजिए और यह सुनिश्चित कर दीजिए कि शराब गांव में उपलब्ध नही होगा, लेकिन शराब की बिक्री मापदंड के आधार पर हो। साथ ही 25 वर्ष से कम उम्र के लोगों को शराब ना मिले, इसके लिए आधार कार्ड की सहायता ली जा सकती है। हम प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों और सरकार से आग्रह करेंगे कि वे इस पर विचार करें।

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