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Post: जान जोखिम में डालकर गंडक की तेज धारा से छान रहे हैं लकड़ियां

जान जोखिम में डालकर गंडक की तेज धारा से छान रहे हैं लकड़ियां

जिला ब्यूरो नसीम खान “क्या” की रिपोर्ट :

प्रशासन बना मूक दर्शक जबकि ढलान पर उतरना दंडनीय अपराध है

न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला

नसीम खान “क्या”

– अमीट लेख

बगहा, (ए.एल.न्यूज़)। वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज डैम में बाढ़ में बहकर आई लकड़ियों को नदी से बड़े,बूढ़े बच्चे और महिलाएं जान जोखिम में डालकर छान रहे हैं। बतादें की नारायणी गंडक नदी की तेज धार में बहकर जंगल के छोटे बड़े पेड़ बाढ़ के पानी मे बहते हुए आते है।

जो, गंडक बराज के बंद फाटक में आकर लग जाते है। अत्यधिक दबाव न हो इसलिए फाटक को खोलकर कचरों को बहा दिया जाता है। जिसे इंतज़ार में खड़े आसपास लोग नहर में छलांग लगाकर या तीन आरडी पूल पर खड़े होकर बहते हुए लकड़ियों को छानते है।वहीं काली घाट और गंडक बराज कंट्रोलरूम के समीप ढलान पर उतर कर जान जोखिम में डालकर नदी की तेज धार में बहती हुई लकड़ियों को छानते है। लकड़ियां छानने के दौरान दो एक घटना पूर्व में हो चुकी है जिसमे लोगों की जाने जा चुकी है। जबकि गंडक प्रशासन ने जगह जगह बोर्ड लगा रखा कि ढलान पर उतरने वाले दंड के भागीदार होंगे और ढलान पर उतरना दंडनीय अपराध है। इसके बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर लकड़ियां छान रहे है वहीं गंडक व लोकल प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है।

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