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Post: वाल्मीकिनगर की वादियों के दीदार के लिए पर्यटक स्थलों पर बेंच नहीं होने से पर्यटकों की बढ़ी परेशानी

वाल्मीकिनगर की वादियों के दीदार के लिए पर्यटक स्थलों पर बेंच नहीं होने से पर्यटकों की बढ़ी परेशानी

जिला ब्यूरो नसीम खान “क्या” की रिपोर्ट :

वाल्मीकिनगर स्थित वीटीआर का नाम सुनते ही लोगों के नज़रो के सामने नयनाभिराम दृश्य चलचित्र की भांति चलने लगते है

न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला 

नसीम खान “क्या”

– अमिट लेख

बगहा, (ए.एल.न्यूज़)। वाल्मीकिनगर स्थित वीटीआर का नाम सुनते ही लोगों के नज़रो के सामने नयनाभिराम दृश्य चलचित्र की भांति चलने लगते है।बरबस वाल्मीकिनगर की तरफ लोग खिंचे चले आतें हैं। प्रकृति की गोद मे बसा वीटीआर किसी जन्नत से कम नहीं दिखता। इसे बिहार का कश्मीर कहा जाता है।यहां के दृश्य पर्यटकों के मन मस्तिष्क को सकून देते हैं, जिससे इंसान थोड़ी देर के लिए सभी परेशानियों को भूल मानो घाटियों में तैरते बादलों के बीच खुद को महसूस करने लगता है। ऐसा एहसास पर्यटकों को थकान दूर कर स्फूर्ति व एक नई ऊर्जा से भर देता है। लेकिन विडंबना है कि इन नज़ारों का बैठकर आनंद उठाने के टूरिस्ट डिस्टिनेशनो पर बेंच (कुर्सी)की व्यवस्था नहीं है।

पर्यटन स्थलों पर सैलानी जमीनों पर बैठे नज़र आते हैं। जहां वीटीआर की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए सरकार व जिला प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती वहीं इस व्यवस्था व पर्यटकों के सुविधा की तरफ समाजसेवी अमित सिंह ने सरकार और जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए पर्यटन स्थलों पर बेंच (कुर्सी) लगाने की मांग की है। ताकि पर्यटक सकून के साथ बैठकर वीटीआर के प्राकृतिक दृश्यों के नजारे का दीदार कर सके।

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