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Post: उपेन्द्र कुशवाहा को बधाई देकर नीतीश पर बरसे अभय कुशवाहा,तेजस्वी पर बड़ा दावा

उपेन्द्र कुशवाहा को बधाई देकर नीतीश पर बरसे अभय कुशवाहा,तेजस्वी पर बड़ा दावा

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में आए और औरंगाबाद से जीते सांसद अभय कुशवाहा ने बिहार में कोइरी वोट पर राजनीतिक घमासान के बीच सीएम नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है

न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ए.एल. न्यूज़)। लोकसभा चुनाव से पहले जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में आए और औरंगाबाद से जीते सांसद अभय कुशवाहा ने बिहार में कोइरी वोट पर राजनीतिक घमासान के बीच सीएम नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। लोकसभा में राजद संसदीय दल के नेता अभय सिन्हा उर्फ अभय कुशवाहा ने कोइरी या कुशवाहा समाज का नाम लिए बिना कहा कि नीतीश ने 2005 से समाज को इस्तेमाल किया है। लेकिन अब समाज पूरी तरह से सजग हो चुका है और समझ चुका है। अभय ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की तरफ से राज्यसभा भेजने के ऐलान पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को बधाई दी है।अभय कुशवाहा ने उपेंद्र कुशवाहा को बधाई देते हुए हालांकि नीतीश पर हमला बोला और कहा कि अब वो किसी तरह का प्रलोभन दें, लेकिन कोई फायदा नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पूरा समाज एकजुट होकर आने वाले समय में एक नए बिहार का निर्माण करेगा। अभय कुशवाहा 2000 में राजनीति में आए और तब से इस साल मार्च तक जेडीयू में थे। जेडीयू में वो गया के जिलाध्यक्ष से पार्टी के प्रदेश युवा अध्यक्ष रह चुके हैं। अभय टिकारी से एक बार जेडीयू के विधायक भी रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में वो आरजेडी के सुरेंद्र यादव से बेलागंज सीट पर हार गए थे। लोकसभा चुनाव से पहले अभय कुशवाहा सीधे टिकट लेकर राजद में आए और औरंगाबाद से दिल्ली पहुंच गए। अभय को लड़ाने के लिए आरजेडी को यह सीट कांग्रेस से लेनी पड़ी जिससे वहां के पूर्व सांसद निखिल कुमार नाराज हो गए। बेलागंज सीट पर अभय को हराने वाले राजद नेता सुरेंद्र प्रसाद यादव भी जहानाबाद से जीते हैं। राजद के जीते चार सांसदों में सुरेंद्र यादव इकलौते हैं जो दूसरी बार लोकसभा पहुंचे हैं। राजद के बाकी तीन सांसदों की लोकसभा में पहली पारी है। मीसा भारती दो बार राज्यसभा जा चुकी है। अभय कुशवाहा के अपने पुराने नेता नीतीश पर हमले को आरजेडी के ऑपरेशन कोइरी नजरिए से देखा जा रहा है। बिहार में लालू यादव की माय की तरह नीतीश का भी लव-कुश समीकरण है। इसमें लव कुर्मी और कुश कोइरी हैं। आरजेडी का दावा है कि लोकसभा चुनाव में नीतीश का कुश आरजेडी के साथ आ गया है। अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले राजद कोइरी नेताओं को अहम पद देकर कुशवाहा को जोड़ने और जो जुड़े हैं, उन्हें बनाए रखने की कोशिश कर रही है।

भाजपा और जेडीयू भी कोइरी नेताओं को राज्यसभा से विधान परिषद तक भेजकर कुशवाहा वोटरों की नाराजगी दूर करने की कोशिश कर कर रही है। उपेंद्र कुशवाहा के साथ काराकाट में जो हुआ उसे कोइरी वोटरों की नाराजगी की बड़ी वजह माना जाता है। भाजपा के बागी और भोजपुरी स्टार पवन सिंह के कारण उपेंद्र की संभावित जीत का समीकरण बिगड़ने की वजह से बक्सर से पटना तक कोइरी वोटर एनडीए से बिदक गए। आखिरी चरण की 8 सीटों में एनडीए को सिर्फ 2 सीट मिली। पवन दूसरे नंबर पर रहे जबकि भाकपा-माले के राजाराम सिंह कुशवाहा जीते। उपेंद्र तीसरे नंबर पर चले गए। इसलिए भाजपा उनको सांसद बनाने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री भी बना सकती है। इस समय बिहार की राजनीति में दोनों कैंप कुशवाहा वोटर को रिझाने में लगा है जिससे कोइरी नेताओं की लॉटरी लगी है। बिहार विधान परिषद की एक खाली सीट पर जेडीयू ने भगवान सिंह कुशवाहा को लड़ाया है जिनकी जीत तय है। बिहार से राज्यसभा की दो सीटें खाली हई हैं जिसमें मीसा भारती की सीट आरजेडी की थी और उसे वो फिर जीत सकती है। दूसरी सीट भाजपा के विवेक ठाकुर के इस्तीफे से खाली हुई है। इस सीट पर बीजेपी ने अब किसी भाजपा नेता के बदले उपेंद्र कुशवाहा को भेजने का फैसला लिया है।

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