जिला ब्यूरो संतोष कुमार की रिपोर्ट :
पीसीसी व ईंट सोलिंग से लोगों ने की मिट्टी को हटाने की मांग
न्यूज़ डेस्क, जिला सुपौल
संतोष कुमार
– अमिट लेख
सुपौल, (ए.एल.न्यूज़)। जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल क्षेत्र में सिंचाई विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। प्रखंड क्षेत्र होकर निकले वाली एमबीसी नहर व शंकरपुर माइनर का सिंचाई विभाग द्वारा सफाई कराने के बाद किनारों पर मिट्टी व गंदगी अभी तक पड़ी हुई है। जिससे पीसीसी व ईंट सोलिंग सड़क के नीचे दबी हुई है। लोगों में आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय त्रिभुवन यादव, ग्रामीण भूपेंद्र यादव,लक्ष्मी यादव,गणेश यादव,बबलू कुमार,दिलीप कुमार,बीरबल यादव,उपेन्द्र यादव,अजेन यादव,लक्ष्मण यादव आदि ने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा नहर से निकाली गई गंदगी को नहर के दोनों बगल सड़क पर फेंक दिया गया है। इस कारण राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आसपास रहने वाले लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नहर से निकाली गई मिट्टी के कारण अब बरसात में सड़क खिचड़मय हो गया हैं। काफी दिन बीत जाने के बावजूद सिंचाई विभाग इस गंदगी को नहीं उठा रहा है। किसानों ने बताया सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ पूर्व व बरसात से पहले क्षेत्र की सभी छोटी- बड़ी नहरों की सफाई शुरू कर दी गई है। लेकिन नहर से निकाली गई मिट्टी व बालू को नहरों दोनों किनारें पर फैला दिया गया। जिससे कई जगहों पर लाखों की लागत से बनी पीसीसी व ईंट सोलिंग सड़क मिट्टी के नीचे दब गई। बरसात के कारण कीचड़मय सड़क अब लोगों आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। कीचड़युक्त सड़क पर फिसल कर नहर में गिरने से दर्जनों लोग घायल भी हो चुके है। नहर के रास्ते से गन्तव्य तक जाने वाले और नहर के किनारे रह रहे लोगो ने नहर से निकाले गए मलबे की सफाई के साथ-साथ मिट्टी भी हटाने की मांग की है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि सिंचाई विभाग हर साल नहरों की सफाई करवाता है। ठेकेदार नहर से निकलने वाली मिट्टी व गंदगी को नहर किनारे छोड देते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि बीते दिन विभाग गांव में स्थित माइनर नहरों में सफाई करवाया और मिट्टी को वहीं छोड़ रहा है। ऐसा हर साल होता है। उन्होंने कहा कि नहर की सफाई के साथ ही मिट्टी को भी हटाया जाए जाना था लेकिन विभाग ऐसा नही किया। पूछने पर अवर प्रमंडल पदाधिकारी, डिवीजन त्रिवेणीगंज प्रेरणा वर्णवाल जानकारी देते हुए बताया कि अभी मैं मीटिंग में हूं। आपसे बाद में बात करती हूं।