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राजधानी पटना स्थित जिला परिषद की 98 एकड़ जमीन से हटेगा अवैध कब्जा

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

जानकारों के अनुसार जिला पर्षद की खाली जमीन पर दुकान व मार्केट बनाने के संबंध में डीपीआर तैयार करने पर भी निर्णय लिया जायेगा
न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज़)। जिला में जिला परिषद की जमीन पर दुकान व मार्केट बना कर राजस्व बढ़ाने की योजना है। इसका जल्द काम शुरू होगा। पटना जिला परिषद की 20 जुलाई को होनेवाली साधारण बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होगी। जानकारों के अनुसार जिला पर्षद की खाली जमीन पर दुकान व मार्केट बनाने के संबंध में डीपीआर तैयार करने पर भी निर्णय लिया जायेगा। जिले में जिला पर्षद की लगभग 23 एकड़ जमीन खाली है। इसके अलावा लगभग 98 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है। अलग-अलग विभागों ने जिला पर्षद की जमीन पर कब्जा जमा रखा है। अतिक्रमित जमीन को मुक्त कराया जायेगा।

इस संबंध में सीओ को पत्र लिख कर ऐसी जमीन के बारे में डिटेल मांगा गया है। पटना जिले में विभिन्न प्रखंडों में स्थित जिला पर्षद के डाकबंगला को विकसित किया जाना है। सूत्र ने बताया कि बिक्रम, बाढ़, मसौढ़ी सहित अन्य जगह डाकबंगला की जमीन पर दुकानें खोल कर उन्हें किराये पर देने की योजना है। इससे आय भी होगी और जमीन भी अतिक्रमण से बचेगी। सामुदायिक भवन के निर्माण पर भी जोर है। इसके लिए जल्द ही डीपीआर तैयार कराने पर प्रस्ताव तैयार हो रहा है। जिला परिषद की बैठक में इस पर भी चर्चा होगी। जिले में जिला परिषद की 98 एकड़ से अधिक जमीन पर दूसरे का कब्जा है। जिले के सभी अंचलों में सही से तहकीकात होने पर यह आंकड़ा बढ़ सकता है. पटना सदर, फतुहा, मसौढ़ी, पालीगंज, बिक्रम प्रखंड में 20 एकड़ पर दूसरे ने कब्जा कर रखा है। जमीन को मुक्त कराने के लिए इन अंचल के सीओ कार्यालय में मामला चल रहा है। इसके बावजूद जमीन पर से अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। जिला पर्षद की जमीन पर लोग कब्जा कर घर और दुकान बना कर कमाई कर रहे है। जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए सीओ कार्यालय में मामला भी चल रहा है लेकिन दिलचस्पी नहीं लेने से मामले के निबटारे में देरी हो रही है।

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