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Post: विद्युत स्पर्शाघात से मां-बेटे की मौत

विद्युत स्पर्शाघात से मां-बेटे की मौत

जिला ब्यूरो संतोष कुमार की रिपोर्ट :

किशोर को छटपटाता देख, बचाने गई मां की भी मौत

मां-बेटे की मौत ने न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे गांव को झकझोर दिया है

न्यूज़ डेस्क, जिला सुपौल 

संतोष कुमार

– अमिट लेख

सुपौल, (ए.एल.न्यूज़)। जिले के त्रिवेणीगंज नगर परिषद क्षेत्र के बभनगामा वार्ड ग्यारह में शुक्रवार को लगभग तीन बजे ई-रिक्शा चार्ज करने के दौरान ई- रिक्शा में अचानक करंट उतरने से किशोर उसकी चपेट में आ गया।

फोटो : संतोष कुमार

किशोर के चीखें सुनकर पास खड़ी उनकी मां बचाने दौड़ी,नतीजतन दोनों की करंट की चपेट में आने से मौके पर उनकी मौत हो गई। जिसे परिजनों ने अनुमंडलीय अस्पताल लाया। जहां चिकित्सक डॉ बी एन पासवान ने मेडिकल चेकअप के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया। एक साथ दो मौते होने से परिजनों में कोहराम मच गया।

छाया : अमिट लेख

सूचना पर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंची पुलिस ने मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर हादसे की जांच शुरू कर दी है। मृतक बभनगामा वार्ड ग्यारह निवासी नागेंद्रर यादव यादव के तीस बर्षीय पत्नी अमृता देवी व उनका बड़ा पुत्र अजय कुमार उम्र 15 वर्ष शामिल है। जानकारी के अनुसार मृतक अजय कुमार अपने घर पर ई-रिक्शा को चार्ज कर रहा इसी दौरान अचानक ई-रिक्शा में करंट उतरने से उस पर ही गिर गया। उसे छटपटाता देख उसकी मां अमृता देवी भी उसे बचाने की कोशिश करने लगी,तो वह भी करंट की चपेट में आ गई। जब तक कोई कुछ समझ पाता तब तक मां-बेटे की मौत हो गई। मां-बेटे को छटपटाते देख घर के अन्य लोग दौड़े और डंडे के सहारे तार से दोनों को अलग किया। दोनों को अनुमंडलीय अस्पताल चिकित्सक के पास ले आए । यहां जांच के बाद चिकित्सक डॉ.बीएन पासवान ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। ग्रामीणों ने सूचना पुलिस को दी। जानकारी होने पर छानबीन के लिए अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे थानाध्यक्ष पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी की जा रही है। मृतक किशोर दो भाइयों में बड़ा है। यकीन नहीं हो रहा कि बेटा व पत्नी अब नहीं उठेंगे
करंट की चपेट में आने से मां-बेटे की मौत ने न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे गांव को झकझोर दिया है। पत्नी और बेटे की मौत के बाद नागों यादव रो-रोकर बेहाल है। बेटा और पत्नी की मौत के बाद सुध खो बैठा हैं।

अनुमंडलीय अस्पताल में बार-बार बेहोश हो जा रहा था। इन सबके बीच उनके महिला परिजनों को अहसास ही नहीं हो रहा था कि बड़ा बेटा और मां हमेशा के लिए उससे दूर चले गए हैं। वह बार बार जाकर मां और बेटा को उठाने की कोशिश करता है। यह देख कर हर किसी का कलेजा मुंह को आ जाता है।

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