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Post: पशुपति पारस का दफ्तर छिनने के पिछे किसका हाथ..?

पशुपति पारस का दफ्तर छिनने के पिछे किसका हाथ..?

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

पार्टी नेताओ ने बताया अन्दर की बात

बिहार सरकार के गाइडलाइन के अनुसार रालोजपा कार्यालय के लिए भवन आवंटन का अधिकार रखती है

न्यूज डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज़)। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के राज्य कार्यालय भवन का आवंटन रद्द करने का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अब पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने बड़ा बयान दिया है। श्रवण कुमार अग्रवाल ने कहा कि आदेश नियम के विपरीत है। सरकार के कुछ खास लोगों की मिली भगत से कार्यालय भवन का आवंटन रद्द करने का आदेश दिया गया है, लेकिन अब तक पार्टी को भवन खाली करने का कोई लिखित निर्देश नहीं मिला है। पशुपति पारस ने इस मामले में नाराजगी भी जताई है। वहीं, इस मामले में अब हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार से जवाब भी मांगा है। अब न्यायालय का फैसला ही मान्य होगा। शनिवार को पार्टी के प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल, उपाध्यक्ष विरेश्वर सिंह व अम्बिका प्रसाद बिनु ने संयुक्त रूप से आयोजित पत्रकार सम्मेलन में यही बात कही। श्रवण अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि रालोजपा कार्यालय का भवन, जो लोक जनशक्ति पार्टी के नाम से था, का आवंटन को भवन निर्माण विभाग द्वारा रद्द किए जाने का फैसला पूरी तरह से नियम के विपरीत है। निर्वाचन आयोग ने रालोजपा को बिहार में राज्यस्तरीय पार्टी का मान्यता दे रखी है।

बिहार सरकार के गाइडलाइन के अनुसार रालोजपा कार्यालय के लिए भवन आवंटन का अधिकार रखती है। 2010 के बाद से रालोजपा को यह भवन आवंटित है। उन्होंने बताया कि रालोजपा के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में 28 जुलाई को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैैठक पटना में बुलायी गयी है, जिसमें पार्टी के आगे के कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी।

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