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Post: बूझ गया पश्चिम चम्पारण के निष्पक्ष पत्रकारिता का दीपक, नहीं रहें पत्रकार तीर्थंराज कुशवाहा

बूझ गया पश्चिम चम्पारण के निष्पक्ष पत्रकारिता का दीपक, नहीं रहें पत्रकार तीर्थंराज कुशवाहा

बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह की रिपोर्ट :

पश्चिम चम्पारण जिला के पत्रकारों ने अमिट लेख के माध्यम से दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार तीर्थंराज कुशवाहा को दी भावभीनी श्रद्धांजलि 

संपादकीय डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। टाइम्स आफ इंडिया के वरिष्ठ संवाददाता तीर्थराज कुशवाहा के निधन पर वरिष्ठ पत्रकार अभय मोहन झा, मोहन सिंह, अमरेश कुमार सिंह, डॉक्टर अमानुल हक, प्रेमचंद पांडे, नसीम खान “क्या”, अंशुल वारा, गणेश वर्मा, सुनील आनंद, सतेंद्र नारायण शर्मा, अमिताभ रंजन, संदीप भास्कर, अजय मिश्रा, प्रोफेसर एसके शुक्ला, मुन्ना राज, मृदुल मयंक, घनश्याम, आशुतोष बरनवाल, कुंदन पांडे , कैलाश यादव आदि पत्रकारों ने श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।

पत्रकारों ने कहा है कि स्व. कुशवाहा हमलोगों के बीच अब नहीं रहे। लेकिन पत्रकारिता जगत में दिए उनके योगदान को कोई भुला नहीं सकता। इनके निधन से पत्रकारिता जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है। ईश्वर उनके परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति दे। उन्होंने पत्रकारों के संरक्षक के रूप में भी अपनी भूमिका बखूबी निभाई और जनता की समस्याओं को लेकर मुखर रहे। विवेक निर्भीक निष्पक्ष एवं साहसिक पत्रकार के रूप में अपना छाप छोड़ गए हैं जिन्हें युगों युगों तक याद किया जाता रहेगा, जो पश्चिमी चंपारण के पत्रकारों के बीच एक मिसाल होगा । पश्चिम चंपारण प्लीज क्लब के अध्यक्ष मोहन सिंह ने कहा है कि उनके साहसिक और निर्भीकता का ही परिणाम था कि 1987 में एकादशी विरोध द्वारा उनका अपहरण कर लिया गया था जो बिहार एवं पश्चिमी चंपारण में किसी पत्रकार की पहले अपहरण था। उनके अपहरण के बाद बिहार से लेकर केंद्र तक खलबली मच गई थी। उसे समय के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार गुप्ता द्वारा अथक प्रयास और संघर्ष के बाद उन्हें दस्यु गिरोह के चंगुल से छुड़ाया जा सका। उस पश्चिम चंपारण एक ही पुलिस जिला था। उनको मुक्त करने में जिले के वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय राम अवतार प्रसाद वर्मा स्वर्गीय उपेंद्रनाथ तिवारी स्वर्गीय पीसी दुबे स्वर्गीय जटाशंकर सिंह स्वर्गीय हरविलास सिंह सुशील झा मोहन सिंह आदि का संघर्ष पूर्ण योगदान भी रहा। जिसके कारण उनको मुक्त करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा सका।वहीं पत्रकार के के मिश्रा डॉक्टर अमान उल हक शिव शंकर सत्यार्थी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि

बगहा में पत्रकारिता के मजबूत स्तंभ के रूप में इनको हमेशा याद किया जायेगा।

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