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Post: मरीज की स्थिति बिगड़ने पर परिजनों ने जमकर किया हंगामा

मरीज की स्थिति बिगड़ने पर परिजनों ने जमकर किया हंगामा

बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह की रिपोर्ट :

मरीज के परिजनों ने बताया कि वे 2 माह पूर्व बच्चेदानी के ऑपरेशन को लेकर अस्पताल पहुँचे थे

डॉक्टर प्रमोद कुमार ने ऑपरेशन किया और आंत को सील कर दिया जब तबियत बिगड़ने लगी तब उसे हरनाटांड़ रेफर कर दिया

संपादकीय डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। नरकटियागंज नगर के नंदपुर ढाला के समीप स्थित नीतू सर्जीकेयर हॉस्पिटल में मरीज की स्थिति बिगड़ने पर परिजनों ने जमकर हंगामा और तोड़फोड़ किया।

फोटो : मोहन सिंह

मरीज की पहचान बगहा जिला निवासी अनिता देवी के रूप में हुई है। अस्पताल में मरीज को लेकर पहुँचते ही डॉक्टर के मैनेजर व कर्मियों ने मरीज के परिजनों को बाहर निकालने लगे, इसको लेकर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने करीब चार घंटे तक अस्पताल में जमकर हंगामा किया। वहीं, मरीज के परिजनों ने बताया कि वे 2 माह पूर्व बच्चेदानी के ऑपरेशन को लेकर अस्पताल पहुँचे थे। जहां डॉक्टर प्रमोद कुमार ने ऑपरेशन किया और आंत को सील कर दिया जब तबियत बिगड़ने लगी तब उसे हरनाटांड़ रेफर कर दिया।

छाया : अमिट लेख

वहां दो दिन इलाज चलने के बाद अस्पताल के दो कर्मी पहुँचे और मरीज को गोरखपुर लेकर चले गए और वहां से फरार हो गए गोरखपुर में भी जब स्थिति में सुधार नही हुआ। तब वे मरीज को लेकर नीतू सर्जिकेयर अस्पताल लेकर पहुँचे, लेकिन डॉ. प्रमोद कुमार ने मरीज को जहर का इंजेक्शन देकर मार देने की धमकी दी। उसके बाद उन्हें अस्पताल से कर्मियों द्वारा बाहर निकाला जाने लगा, बाद में पुलिस को सूचना दी गई।

पूर्व में भी डांक्टर प्रमोद कुमार का शिशु का खरीद फरोस्त का काम करता था। जिसका उद्भेदन स्थानीय समाचार एजेंसी द्वारा किया गया। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहीद चौक स्थित नितू सर्जिकेयर के ही नाम से संचालित अस्पताल को सील कर दिया था। हंगामे की सूचना पर दलबल के साथ पहुँची प्रशिक्षु डीएसपी डॉ सपना रानी ने मरीज की स्तिथि को देख डॉक्टर प्रमोद कुमार समेत चार कर्मियों को गिरफ्तार करते हुए मरीज को जीएमसीएच रेफर कराया। डॉक्टर प्रमोद कुमार, अस्पताल मैनेजर डी.के सिंह, कर्मी रिंकू श्रीवास्तव व राजन कुमार को गिरफ्तार किया गया है। घटना को लेकर चर्चाओं का बजार गर्म है। आसपास के लोगो ने बताया कि इससे पूर्व भी अस्पताल में मौत हो चुकी है। लेकिन डॉक्टर ने अपने रसूख के बल पर मरीज के परिजनों को मैनेज कर मामला सुलझा लिया था।

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