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Post: बढ़ते पुलिस जूर्म पर कार्रवाई हो नहीं तो आंदोलन : माले

बढ़ते पुलिस जूर्म पर कार्रवाई हो नहीं तो आंदोलन : माले

बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह की रिपोर्ट :

बैरिया के चौधरी भाइयों और उनकी माँ को मजिस्ट्रेट द्वारा इलाज के लिए छोड़ना और पुलिस को फटकार लगाना सराहनीय, इससे कोर्ट के प्रति लोगों को विश्वास पैदा होगा

संपादकीय डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। राज्य में अपराध के साथ साथ पुलिस जुर्म भी बढ़ा हैं। रंजीत चौधरी, रतन चौधरी और उनकी वृद्ध माँ प्रभा देवी के साथ बेरहमी से पिटाई, जेल भेजने के प्रयास और मजिस्ट्रेट द्वारा केस के आइ ओ को फटकार के बाद आरोपियों को जेल नही भेजकर इलाज का आदेश देने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि बैरिया पुलिस कितना बेरहम और मानवाधिकार हनन करने वाली है। यह घटना बैरिया पुलिस के बढ़ते ज़ुर्म को दर्शाता है। जिले की इतनी बड़ी घटना के बाद भी दोषी पुलिस कर्मियों पर अब तक कार्रवाई नहीं होने से भाजपा और जदयू की नितीश सरकार का जनविरोधी चेहरा सामने आ गया है। पुलिस द्वारा चौधरी भाइयों और उनकी वृद्ध माता की पिटाई की भाकपा माले ने तिखी निंदा करते हुए दोषी पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज कर विभागीय कार्रवाई की मांग बेतिया पुलिस अधीक्षक से किया है।
भाकपा माले नेता सुनील कुमार राव ने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया में इलाजरत पिड़ितों से मिलने के बाद बताया कि बेतिया कोर्ट के मजिस्ट्रेट की सरहनीय कदम बताया और कहा मजिस्ट्रेट द्वारा बैरिया पुलिस जूर्म पर फटकार लगाने और पिडित को इलाज के लिए भेजने से लोगों को कोर्ट के प्रति आस्था मजबूत होगा।

फोटो : मोहन सिंह

उन्होंने कहा बैरिया पुलिस के मनमानीपन से बैरिया के लोग परेशान है। आए दिन पुलिस द्वारा आम लोगों के साथ गाली गलौज, मार पीट करना और जेल में भेजने की धमकी देकर ड़रा पैसा वसूली करना आम बात बन गया है। इस घटना के पिछे भी अवैध वसूली के लिए पुलिस द्वारा बेरहमी से पिटाई कर जेल भेजने का प्रयास किया गया। यहां के जनप्रतिनिधियों खासकर सांसद और विधायक को इस घटना से कोई मतलब नहीं है।

घटना के बाद मेडिकल रिपोर्ट भी झूठी बनाने की कार्रवाई अस्पताल द्वारा किया गया है। इसमें अस्पताल के मिलीभगत भी सामने आ गया है। अस्पताल के दोषी चिकित्सकों पर कार्रवाई हो। जिला पुलिस प्रशासन दोषी पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज कर विभागीय कार्रवाई नहीं करता है तो भाकपा माले आंदोलन के लिए बाध्य होगी।

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