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बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह की रिपोर्ट :
संपादकीय डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। महिला थाना बेतिया की बड़ी कार्रवाई। कई थानों की पुलिस ने रात में घर की घेराबंदी कर बेतिया पुलिस एवं साइबर अपराधियों की सांठ-गांठ का समाचार प्रकाशित करने के विरोध में पुलिस द्वारा प्रतिशोध में स्वयं एवं अपने महिला मित्र द्वारा दर्ज कराए गए दो आपराधिक मामले में पत्रकार आशुतोष कुमार बरनवाल को पुलिस ने किया गिरफ्तार। इतना ही नहीं पत्रकार श्री बरनवाल को मुफस्सिल थाना के हाजत में भी बंद कर दिया गया और उसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस घटना को पत्रकारों ने बेतिया पुलिस द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया है। बतात्तें चले की पूर्व में पत्रकार आशुतोष बरनवाल ने मुफस्सिल थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष पुलिस निरीक्षक अशोक कुमार के जौकटिया के साइबर अपराधियों के सांठ गांठ के संबंध में एक समाचार प्रकाशित किया था। जिसको लेकर बेतिया पुलिस की भारी किरकिरी और हाय तौबा हुआ था। जिस पर आक्रोशित थानाध्यक्ष द्वारा अपने बचाव में मुफस्सिल थाना में रंगदारी का एक झूठा मामला दर्ज कराया गया था और अपने साइबर सदस्य महिला मित्र गायत्री देवी से महिला थाना में एक दूसरा मामला दर्ज कराया गया था। जिस पर पत्रकार आशुतोष बरनवाल द्वारा उच्च न्यायालय पटना में एक याचिका दायर करते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई थी।
इस आलोक में न्यायालय द्वारा डीजीपी बिहार सरकार, डीआईजी चंपारण रेंज एवं बेतिया पुलिस अधीक्षक सहित संबंधित तमाम पुलिस पदाधिकारी को पुनः इस मामले में निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट समर्पित करने की आदेश दिया गया था। बेतिया पुलिस ने उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना एवं अनदेखी करते हुए मंगलवार की रात्रि पत्रकार आशुतोष बरनवाल को एक अपराधी की तरह गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।