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Post: बगहा के गांव-गांव में छाया मातम, नहीं रहे अब कमजोर वर्ग के जीवनदाता डॉ. एसपी सिंह

बगहा के गांव-गांव में छाया मातम, नहीं रहे अब कमजोर वर्ग के जीवनदाता डॉ. एसपी सिंह

बगहा से विशेष संवाददाता जगमोहन काज़ी की रिपोर्ट :

“जब टांगा युग था और गरीबी का दंश झेल रहे समाज के पास दो जुन का निवाला भी बड़ी मशक्कत से नसीब होता था, तब सन 1979 में क्षेत्र के भोलापुर खरहट निवासी सीधेश्वर बाबू जो बगहा क्षेत्र में डॉ. एस. पी. सिंह के नाम से प्रसिद्ध हुये बगहा में चिकित्सा सेवा का अलख जगाया “

न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला 

जगमोहन काज़ी

– अमिट लेख

बगहा, (ग्रामीण)। बगहा से नामी-गिरामी और सच्चे जनसेवकों की जरुरत पिछले वर्ष से शायद ऊपर वाले को महसूस होने लगी है। यह सोंच-सोंच कर बगहा का ग्रामीण इलाकों में बसर करनेवाले कमजोर तबके के लोग एकबारगी मायूस हो चले हैँ। महुअर के रामाधार गोंड़ के अनुसार जब टांगा युग था और गरीबी का दंश झेल रहे समाज के पास दो जुन का निवाला भी बड़ी मशक्कत से नसीब होता था, तब सन 1979 में क्षेत्र के भोलापुर खरहट निवासी सीधेश्वर बाबू जो बगहा क्षेत्र में डॉ. एस. पी. सिंह के नाम से मशहूर चिकित्सक हुये दुनिया की चमक चांदनी को धत्ता बता गरीब गुरुबों को चिकित्सा लाभ देने के नीयत से एमबीबीएस की अहर्ता प्राप्त कर इस पिछड़े क्षेत्र में अंग्रेजी चिकित्सा को अमली जामा पहनाने लगे। हालांकि, तीव्र जानकारी और उचित चिकित्सा के हुनरमंद डॉ. एस. पी. सिंह बगहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बतौर प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में वर्षों तक अपना योगदान देते हुये सरकारी चिकित्सक होते हुये दिनहीन समाज को दिल में बसाये रहे। किन्तु विडम्बना हीं कही जाएगी की डॉ. एसपी सिंह अचानक 05 जुलाई को सदा के लिए अपनी आँखें मूंद लिए।

बगहा के गांव गांव में उनकी मौत की खबर से सन्नाटा व्याप्त है, लोग मर्माहत हैँ। बताते चले कि डॉ. एसपी सिंह को तीन पुत्र हैँ जिनमें डॉ. रणबीर सिंह मोतिहारी में चिकित्सा पदाधिकारी के दायित्व का अपने पिताजी की भांति निर्वहन कर रहे हैँ तथा दो पुत्रीयों में से एक पुत्री रक्षिता सिंह मेडिकल कर रही हैँ। डॉ. एसपी सिंह अपने पीछे भरा-पूरा एक समृद्ध परिवार छोड़ गये हैँ। “अमिट लेख” परिवार क्षेत्र के उन सभी शोकाकुल आमजनों के साथ दिवंगत चिकित्सक एसपी सिंह को भव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

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