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Post: वतन के शहीदों को किया याद, कारगिल दिवस मनाया

वतन के शहीदों को किया याद, कारगिल दिवस मनाया

बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह की रिपोर्ट :

आज बेतिया के शहीद स्मारक पर जांबाज शहीद सैनिकों को याद करते हुए पूर्व सैनिक संघ, के तत्वावधान में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया

संपादकीय डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। 26 जुलाई 1999 विश्व की सबसे बड़ी सामरिक जीत की याद में आज भारत में सिल्वर जुबली के रूप में कारगिल दिवस एवं अपने शहीद सैनिकों को याद किया।

फोटो : मोहन सिंह

पूरे देश में कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर मसाल दिवस निकाल कर शहीदों को सम्मान दिया, वहीं आज बेतिया के शहीद स्मारक पर जांबाज शहीद सैनिकों को याद करते हुए पूर्व सैनिक संघ, के तत्वावधान में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता पूर्व मिसाइल इंजीनियर विजय कश्यप, वायु सैनिक, ने की। संबोधन, में “सारा लहू शरीर का, जमीन को पिला दिया। कर्ज था वतन का, हमने उसे चुका दिया।” इसी भावना से शहीद ,देश की सीमाओं पर रात्रि में जागते हैं, देश को पहरा देते हैं, ताकि सारा देश अपने परिवार सहित अमन चैन की नींद ले सके। आज पूर्व सैनिक संघ ने जिला प्रशासन से जिला मुख्यालय पर सोल्जर बोर्ड की मांग की, वॉर मेमोरियल के लिए जगह आवंटित करने एवं सैनिकों के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदत कैंटीन सुविधाओं की मांग की।

वहीं आज प्रेस वार्ता में बोलते हुए पूर्व सैनिक संघ के जिला अध्यक्ष कैप्टन हरिश्चंद्र राव एवं विजय कश्यप ने संयुक्त रूप से आगामी 16 दिसंबर विजय दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया, तथा संचालन सूबेदार मेजर मुन्ना सिंह जी ने कि। संयोग से आज के ही दिन राज ऋषि छत्रपति शाहूजी महाराज ने अपने राजकाज एवं प्रशासन में सैनिकों एवं वंचित वर्ग के लिए 50% आरक्षण को लागू किया एवं शिक्षण संस्थानों में सुविधा को मुहैया की। भारतवर्ष का मूल निवासी समाज 6743 जातियों में विभक्त है ,जो वंचित है और जो आबादी में तकरीबन 85% होता है, सारे देश में मूल निवासी और उसमें भी जो आर्थिक और सामाजिक रूप से तथा शैक्षणिक रूप से कमजोर है, उनके लिए भारतीय संविधान की संविधान सभा ने अनुच्छेद 340, 341 और 342 में आर्टिकल 13 के तहत समता के अधिकार के मद्दे नजर पिछला वर्ग आयोग गठन करने की सिफारिश करता है, तथा न्यायपालिका, कार्यपालिका विधायिका में उनके संख्या अनुपात में उनको हिस्सेदारी सुनिश्चित करने का निर्देश देता है। हम भारत सरकार को बधाई देना चाहेंगे, जिन्होंने पिछड़ा वर्ग आयोग का संवैधानिक दर्जा देकर 75 वर्षों से लंबित कार्य को कर कर इस देश की मूल निवासियों की आवाज को सम्मान दिया है, तथा देश और समाज के लिए ही जीने वालों को संविधान सम्मत स्थान दिया है। प्रबुद्ध भारती, बिहार प्रदेश तथा केंद्र सरकार से अनुच्छेद 340 को पूरी तरह से न्यायपालिका कार्यपालिका में लागू करने का आह्वान करती है।

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