विशेष ब्यूरो मोतिहारी सुशांत सिंह की रिपोर्ट :
डॉ. कलाम के 9वें पुण्यतिथि पर सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने अपनी चार घंटो के कठिन मेहनत के बाद पीपल के हरे पत्तों पर उकेरी अद्भुत कलाकृति
न्यूज़ डेस्क, जिला पूर्वी चम्पारण
सुशांत सिंह
– अमिट लेख
मोतिहारी, (ए.एल.न्यूज़)। भारत एक ऐसा महान देश है जिसने अपने ज्ञान और विज्ञान से संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन किया। भारत जैसे महान देश में कई ऐसे महान वैज्ञानिक हुए, जिनके समर्पण ने विश्व कल्याण और लोकहित में एक मुख्य भूमिका निभाई।
इन्ही में से एक भारत के 11वें राष्ट्रपति और वैज्ञानिक रहे मिसाइलमैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के पुण्यतिथि अवसर पर देश के चर्चित अंतर्राष्ट्रीय युवा सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने एक बार फिर शनिवार को चार घंटो के कठिन परिश्रम के बाद पीपल के हरे पत्तों पर अपनी अद्भुत कलाकारी का बेहतरीन नमूना पेश किया हैं। सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने अपनी अनुपम कलाकृति के माध्यम से डॉ अब्दुल कलाम को अपनी भावपूर्ण अंदाज में श्रद्धांजलि हुए देते मीडिया को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति रहे ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन हमें यह सिखाता है कि अगर हम मेहनत और लगन से काम करें तो हम अपनी मंजिल जरूर पा सकते हैं।
हमारे पास कितने भी संसाधन क्यों ना हों, हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। हमेशा छात्रों को प्रेरित करने व बड़े सपने दिखने वाले डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को एक बार पुन: हम भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।बता दें कि डॉ कलाम का 27 जुलाई 2015 को llM शिलांग में लेक्चर देते समय दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता था। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। डॉ. कलाम को 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। गौरतलब हो कि सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र आए दिन विश्वपटल पर अपने परिश्रम का छाप छोड़ते हुए अपनी कला साधना में सफलता ओर बढ़ते जा रहे हैं। मौके पर उपस्थित दर्जनों प्रबुद्ध नागरिकों, शिक्षाविदों व आमजनों ने भी ऐसे महान राष्ट्र निर्माता डॉ. कलाम को याद करते मधुरेंद्र की कलाकृति की खूब सराहना की।