AMIT LEKH

Post: विभिन्न वामपंथी दलों ने राज्यपाल से, क़ानून व्यवस्था पर जताई चिंता

विभिन्न वामपंथी दलों ने राज्यपाल से, क़ानून व्यवस्था पर जताई चिंता

पुलिस अभिरक्षा में अपराधियों का खुला तांडव और पुलिस प्रशासन का मूक दर्शक बने रहना चिंतनीय बताया

न्यायिक अभिरक्षा में मेडिकल चेकअप को ले जाए गये दो पूर्व जनप्रतिनिधि कैदीयों को पुलिस के सामने गोलियों से भूनने के बाद अपराधियों द्वारा विशेष नारा लगाना और भाजपा नेताओं के दिये जा रहे बयान को सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने की कोशिश बताया

मुख्यमंत्री समेत भाजपा नेताओं के भड़काऊ बयानों पर रोक लगाने की मांग की

हमारे प्रतिनिधि की रिपोर्ट :
– अमिट लेख
महराजगंज, (विशेष)। प्रयागराज में पेशेवर वहशी दरिंदो द्वारा जिस निर्भीकता से पुलिस बल की सुरक्षा के भरोसे न्यायिक हिरासत में मेडिकल चेकअप को जा रहे आतंक का पर्याय माने जानेवाले पूर्व जनप्रतिनिधि अतीक अहमद और अरशद को सरेआम 15 अप्रैल की रात मार गिराया गया। और न्यायिक अभिरक्षा में सुरक्षा कवच बनी पुलिस हत्यारो के विरुद्ध कोई एक्शन लेती नज़र नहीं आयी। जिसको लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर उंगलियां भी उठायी जा रही है। और लोग-बाग पुलीसिया लुंज-पुंज व्यवस्था में हुयी, इस हत्या को सहजता से आकस्मिक घटना के बजाय सुनियोजित साजिश की संज्ञा देने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। ऐसे में महराजगंज जनपद की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के तत्वावधान में विभिन्न वामपंथी दलों क्रमशः सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल) और फॉरवर्ड ब्लॉक की ओर से अमिट लेख को प्रेषित एक ज्ञापन में जताया गया है।

कि आज गुरुवार के दिन उनके संयुक्त तत्वावधान में जिलाधिकारी महराजगंज के माध्यम से प्रदेश के महामहिम राज्यपाल को एक ज्ञापन प्रेषित किया गया है। जिसमें साफ जताया गया है कि 15 अप्रैल 2023 कि रात में प्रयागराज में पुलिस हिरासत में जिस तरह से दो लोगों कि हत्या की गई। उसने प्रदेश कि क़ानून व्यवस्था पर गहरा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। ज्ञापन में वामपंथी नेताओं ने उल्लेखित किया है कि वारदात के समय काफ़ी संख्या में मौजूद। पुलिस के द्वारा हमलावरों के विरुद्ध कोई भी प्रतिक्रिया नहीं कि गयी और हमलावर इत्मीनान के साथ हत्या का अपराध करने में सफल हुये। यह घटना स्पष्ट करती है कि प्रदेश में क़ानून का राज नहीं रह गया है और अपराधी पुलिस बल पर भारी हैं। ज्ञापन में अतीक हत्याकांड के बाद पेशेवर अपराधियों द्वारा लगाए गये विशेष नारे का भी ज़िक्र किया गया है। इस ज्ञापन के माध्यम से विभिन्न घटनाओं में सरकार कि अपरोक्ष भूमिका इंगित करते हुये भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बीजेपी नेताओं और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के भड़काऊ बयानों पर रोक लगाने का महामहिम से अनुरोध किया है। वामपंथी दलों ने योगी सरकार पर प्रदेश के कमजोर तबके, दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर हमले और उनका उत्पीड़न निरंतर बढ़ने कि बात बताते हुये शीघ्र कार्यवाही का भी मांग किया है।

Recent Post