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Post: चहरदीवारी विहीन स्कूल संचालन में होती है परेशानी जंगली जानवरों का भी रहता है डर

चहरदीवारी विहीन स्कूल संचालन में होती है परेशानी जंगली जानवरों का भी रहता है डर

जिला ब्यूरो नसीम खान “क्या” की रिपोर्ट :

“अब देखना है कि विद्यालय को सुरक्षित रखने के लिए कबतक चारदीवारी का निर्माण होता है या फिर किसी अनहोनी होने तक इंतजार बना रहेगा”

न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला 

नसीम खान “क्या”

– अमिट लेख

बगहा, (ए.एल.न्यूज़)। वाल्मीकिनगर के लक्ष्मीपुर रामपुरवा पंचायत स्थित ठाढ़ी गांव में संचालित उत्क्रमित विद्यालय में चारदीवारी नहीं है। जिससे स्कूल संचालन में शिक्षकों को परेशानी होती है। साथ ही वीटीआर जंगल और गंडक नदी के किनारे होने के कारण हिंसक जानवरों का खतरा भी लगा रहता है।

फोटो : नसीम खान “क्या”

बतादें की इसी स्कूल के प्रांगण में एक कार्यक्रम के दौरान बिहार के राज्यपाल 23 मार्च को आए थे। इसी दौरे के दौरान जिलाधिकारी समेत शिक्षा विभाग के कई वरीय अधिकारी भी पहुंचे थे। स्कूल की हालत देखकर चारदीवारी बनाने का दिशा-निर्देश भी सम्बंधित अधिकारियों को मिला था, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी विद्यालय की सुरक्षा के मद्देनजर चारदीवारी का निर्माण नहीं किया जा सका है। विद्यालय प्रधानाध्यापक राजेश शर्मा ने बताया कि विद्यालय की 90 डिसमिल जमीन थी जिसमे कुछ डिसमिल जमीन का अतिक्रमण कर लिया गया है वहीं विद्यालय की जमीन पर सड़क भी बना दी गई है। जिस वजह से विद्यालय की जमीन टुकड़ों में बंट गई है। अब चारदीवारी बनाने में पेंच खड़े होंगे। बतातें चलें कि विद्यालय से कुछ ही दूरी पर गंडक नदी बहती है साथ ही विद्यालय के दूसरी तरफ वीटीआर का घनघोर जंगल है। जंगली जानवरों का डर भी लगा रहता है। स्कूल संचालन के समय गांवो के पालतू जानवर भी विद्यालय के बरामदे में पहुंच जा रहे है जो विद्यालय परिसर में मलमूत्र भी त्याग देते हैं। एसएसबी व अन्य संस्थाओं के द्वारा दर्जनों पौधे लगाए गए है। लेकिन, खुले होने की वजह से एक दो पौधे को छोड़कर सभी पेड़ जानवरों के द्वारा चर लिए गए है या फिर उखाड़ लिए गए हैं। इसी गांव में पूर्व में जंगली जानवर मगरमच्छ और तेंदुए समेत बाघ का वन विभाग द्वारा रेस्क्यू भी किया जा चुका है। अब देखना है कि विद्यालय को सुरक्षित रखने के लिए कबतक चारदीवारी का निर्माण होता है या फिर किसी अनहोनी होने तक इंतजार बना रहेगा।

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