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Post: पीके को किशोर समझने की भूल नहीं करे जदयू : जन सुराज

पीके को किशोर समझने की भूल नहीं करे जदयू : जन सुराज

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

शराबंदी पूरी तरह विफल, साढ़े छः लाख परिवार झेल रहे मुकदमे

न्यूज़ डेस्क, राजधानी पटना 
दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज़)। जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने कहा है कि जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर देश के लब्धप्रतिष्ठ राजनीतिक रणनीतिकार और दक्ष चुनावी प्रबंधक के रूप में विश्व विख्यात है। उन्हें किशोर समझने की भूल करना जदयू के लिए आत्मघाती कदम है। श्री ठाकुर जदयू के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता नीरज सिन्हा के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उक्त बातें कही।‌ मुख्य प्रवक्ता श्री ठाकुर ने कहा है कि जदयू – भाजपा गठबंधन हो अथवा जदयू – राजद गठबंधन रहा हो नीतीश कुमार पिछले उन्नीस वर्षों से बिहार में शासन कर रहे हैं। फिर यहां की शिक्षा व्यवस्था चौपट क्यों है? बेरोज़गारी चरम पर कैसे पहुंच गयी? लोगों का रोजी-रोटी के लिए पलायन कर दूसरे प्रदेशों में क्यों जाना पड़ता है? क्या तीन करोड़ से अधिक बिहारी पलायन कर दूसरे प्रदेशों में कमाने नहीं चले गए हैं? क्या शराब बंदी पूरी तरह विफल नहीं है और गली गली में शराब एमाजोन की तर्ज़ पर उपलब्ध नहीं है? इस शराब बंदी के दौरान साढ़े छः लाख लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। इनमें सवा लाख लोग अभी भी जेल में बंद हैं। श्री ठाकुर ने जदयू और भाजपा गठबंधन की सरकार से जानना चाहा है कि क्या इन मुकदमों में फंसे लोगों का परिवार तंगोतबाह नहीं हुआ है? जिस महिला कल्याण की बातें जदयू चीख -चीखकर करती है इन मुकदमों से क्या महिलाएं परेशान नहीं हो रही हैं? उसे आंगन से निकल कर थाना और कचहरी का चक्कर नहीं लगाना पड़ रहा है? मुकदमों का दंश झेल रहे ये सभी गरीब है और दलित, पिछड़ा तथा अति पिछड़ा समाज से आते हैं। श्री ठाकुर ने कहा है कि भारत सरकार के नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट के अनुसार बिहार देश का सबसे गरीब, अशिक्षित, बेरोज़गारी और पलायन करने वाला राज्य बना हुआ है। बिहार सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 31 मार्च 2020 में बिहार पर 1,91,000/ करोड़ रुपए कर्ज था जो बढ़कर 31 मार्च 2023 तक 2,94,000/ करोड़ रुपए हो गया है। अर्थात बिहार में जो बच्चा मां के गर्भ से जन्म लेकर धरती पर आ रहा है उस पर 19,000/ रुपए कर्ज चढ़ जाता है।‌ जदयू के मुख्य प्रवक्ता जी को इस पर भी स्पष्ट विचार सार्वजनिक करना चाहिए। बिहार को रसातल में पहुंचा देने के बावजूद विकास का ढिंढोरा पीटने वाले को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि अफसरशाही, भ्रष्टाचार, घपले- घोटाले क्यों बढ़ गये और अपराधी बेलगाम क्यों हो गया है।? प्रायः हर रोज हत्या, लूट, बलात्कार जैसी घटनाएं अखबारों की सूर्खियां बनी हुई है। डेढ़ दर्जन से अधिक पुल क्यों नदी की धारा में समाहित हो गये? क्या इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की गई है? श्री ठाकुर ने कहा है कि दरअसल जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के प्रणेता प्रशांत किशोर जी की राजनीतिक कुशलता और उनके रोज़ ब रोज बढ़ते जनाधार से राजद, भाजपा और जदयू सभी के पसीने छूट रहे हैं इसलिए इन दलों द्वारा अनाप-शनाप बातें की जा रही है जिसे बिहार की जनता समझ रही है। 2025 के विधान सभा चुनाव में बिहारियों को ठगने वाले इन सभी राजनीतिक दलों को जनता सबक सिखायेगी और सभी का सूपड़ा साफ होगा।

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