बिहार से सस्ता मजदूर सप्लायर राज्य कोई दूसरा नहीं है, इसलिए कोरोना के दौरान भगाए गए मजदूरों को प्लेन का टिकट देकर वापस बुलाया गया : प्रशांत किशोर
स्टाफ रिपोर्टर :
– अमिट लेख
छपरा/सारण। जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के गोरौल में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आप लोगों ने अपने बच्चों को पेट काट-काट कर बड़ा किया है, वो 20-25 साल के होते ही भेड़, बकरी की तरह ट्रेन और बसों में लदकर मजदूरी के लिए चलें जाते हैं। आपने कोरोना के समय पर देखा, जिन मजदूरों को दूसरे राज्य से मार कर लोगों ने भगा दिया था उन्हीं मजदूरों को ट्रेन से, बस से, और हवाई जहाज का टिकट देकर वापस बुलाया गया। आप बिहार के लोगों ने कभी सोचा कि बिहार के मजदूरों को आखिर क्यों बुलाया गया? क्या तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्रा में मजदूर नहीं हैं? वहाँ भी मजदूर हैं लेकिन वहां के मजदूर 35 हजार रुपये महीना का लेता है और बिहार का गरीब लड़का जाकर 15 हजार रुपये में काम कर रहा है। तो कोई बिहार में फैक्टरी क्यों लगाएगा। जब सस्ते रेट पर मजदूर उसको उसके राज्य में मिल ही रहा है।