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नगर निगम जनता की आकांक्षा पर खरा उतरने के बजाय लूट और भ्रष्टाचार का अड्डा में तब्दील : आरवाईए

बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह की रिपोर्ट :

प्रगतिशील और न्यायप्रिय नागरिकों को सड़क पर उतर विरोध करने की जरूरत : फरहान राजा

संपादकीय डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। बेतिया नगर निगम में महापौर, उपमहापौर, निगम पार्षदों और आयुक्त के बीच जो विवाद है वह बेतिया के विकास राशि में लूट खसोट को लेकर है। अब जनता मुकदर्शक नहीं बनी रहेगी। हमारी मांग है कि वर्ष 2017 से अब तक के कार्यों का जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से करा दिया जाय तो भ्रष्टाचार के हमाम में सभी नंगा हो जाएंगे।
उक्त बातें इंकलाबी नौजवान सभा (आर वाई ए)के जिला अध्यक्ष फरहान राजा ने कहा। उन्होंने कहा कि बेतिया नगर निगम की जनता जिस उम्मीद और आकांक्षा के साथ महापौर, उप महापौर और निगम पार्षदों का चुनाव किया था उसपर खरा उतरने के बजाय पुर्व की भांति लूट खसोट और भ्रष्टाचार के अड्डा में तब्दील हो गया। सांसद और विधायक भी पक्ष विपक्ष में परोक्ष रूप से खड़ा हो बेतिया के विकास में बाधक बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले पांच सात सालों में बेतिया नगर की सड़कें बदहाल है,हल्की बारिश में सड़कों, गल्ली, मुहल्लों में पानी जमा हो जाता है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी हर घर नल से जल पहुंचाने में भी नगर निगम विफल है। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि सोलर लाइट शायद ही कहीं जल रहा है। वार्ड नंबर पांच के पक्की फुलवारी के दलित महादलित जल जमाव की वज़ह से नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। वहां से कई वार्डों का पानी गुजरता है लेकिन आज तक पानी निकासी का समाधान नहीं हो पाया। शहर के ऐसे दर्जनों जगहों पर पानी निकासी की समस्या बना हुआ है। एम जे के कॉलेज, जिला जज के निवास के सामने आदि कइ महत्वपूर्ण इलाकों में आज तक पक्की नाला बनाने में निगम विफल रहा है।के आर स्कूल के तरफ़ प्रतिदिन दसियो हजार बच्चे सुबह और दोपहर को पढ़ने आते जाते है लेकिन बरसात पूर्व नाला बनाने के लिए गड्ढा खोदा गया जो आज तक नहीं बना है।इस वजह से वह खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे और कई नाला है। देहाती इलाकों को जबरन निगम में डाल उसे टैक्स वसूली क्षेत्र बना दिया गया है। उनके मूल भूत सुविधाओं को उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार की भाजपा जदयू की नीतीश कुमार सरकार ने नगर निगमों को निर्दलीय व्यवस्था बनाकर सर्वदलीय लूट खसोट की छूट दे रखा है। जिस वज़ह से इसमें प्रतिनिधित्व करने वाले भ्रष्टाचार के प्रति गंभीर नहीं है। ऐसे में नगर निगम में जारी लूट खसोट ,भ्रष्टाचार और अविकाश के खिलाफ प्रगतिशील, न्यायप्रिय नागरिकों को सड़कों पर उतर विरोध प्रदर्शन करना होगा ।

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