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Post: पुरे जिले में भाकपा-माले ने मानाया 54वां स्थापना दिवस

पुरे जिले में भाकपा-माले ने मानाया 54वां स्थापना दिवस

भाकपा (माले) को मजबूत करो और जनता की व्यापक फासीवाद विरोधी एकता का निर्माण करो के आह्वान के साथ पूरे जिले में भाकपा-माले ने मनाया 54वां स्थापना दिवस

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (प. चम्पारण)। भाकपा-माले के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने 22 अप्रैल 2023 को पार्टी की स्थापना की 54वीं वर्षगांठ पर धूमधाम से मनाया स्थापना दिवस।

इस मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं कार्यकर्ताओं द्वारा झंडात्तोलन करने के उपरांत कामरेड चारू मजूमदार और पार्टी के सभी संस्थापक नेताओं समेत उन सभी साथियों को क्रांतिकारी श्रधांजलि दिया। जिन्होंने इन 54 सालों में पार्टी को बनाने और क्रांतिकारी आन्दोलन को अग्रगति देने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। दुसरी तरफ 22 अप्रैल दुनिया की पहली समाजवादी क्रांति के रचनाकार और मार्क्स एवं एंगेल्स के बाद मार्क्सवाद के महानतम शिक्षक कामरेड लेनिन का जन्मदिन भी है। हम कामरेड लेनिन की क्रांतिकारी सलाम पेश करते हुए उनकी महान क्रांतिकारी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं। भाकपा-माले राज्य कमिटी सदस्य सुनील कुमार यादव ने कहा कि फासीवाद को शिकस्त देने और शहीदों के सपने का भारत बनाने के लिए सम्पूर्ण पार्टी के कार्यकर्ता कटिबद्ध है।

आगे कहा कि जैसे जैसे मोदी अदानी गठजोड़ की पोल खुल रही है और मंहगाई, बढ़ती बेरोजगारी और दमनकारी बुलडोजर राज के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है। मोदी सरकार और संघ ब्रिगेड की परेशानी बढ़ रही है। माले नेता ने कहा कि भाजपा एक बार फिर साम्प्रदायिक उन्माद भड़का कर और फासीवादी मंसूबों को पूरा करने के लिए एवं उत्पीडित जनता के बीच से अपने पैदल सैनिकों (बजरंग दल) की भर्ती कर इस से पार पाने की कोशिश कर रही है। हमने इस बार की रामनवमी पर भी इसी बांटो और राज करो के खेल की खतरनाक झलक देखी है। माले नेता रविन्द्र कुमार रवि ने कहा कि मोदी राज विपक्ष का दमन, न्यायपालिका समेत लोकतंत्र की सभी संस्थाओं का अपहरण और नागरिकों की सभी संवैधानिक स्वतंत्रताओं को बाधित करने में पूरी तरह से जुट गया है। जिसके खिलाफ भाकपा-माले मुकम्मल लड़ाई लडेगा, आगे कहा कि आज के दौर में धार्मिक और भाषाइ सीमाओं से ऊपर उठ कर जनता के सभी तबकों में एकता और एकजुटता के बंधन को मजबूत करना बहुत जरूरी है। इनके नेता संजय मुखिया ने कहा कि मजदूर और किसान पुरुष और महिलायें, हिन्दू और मुसलमान सभी को एक साथ आकर फासीवाद को शिकस्त देकर लोकतंत्र और भारत को बचाना होगा। माले नेता ठाकुर पटेल ने कहा कि साल 2023 में कई महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और अगले साल की शुरूआत में लोकसभा के निर्णायक चुनाव होंगे। इन सभी चुनावों में भाजपा को हराने और कमजोर करने के लिए और अगली संसद में क्रांतिकारी नाम का प्रतिनिधि भेजने के लिए हमें पूरे जी-जान से लग जाना चाहिए।

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