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Post: प्रशासन की लचर व्यवस्था से आहत भूस्वामी ने लगाया उच्चधिकारियों से गुहार

प्रशासन की लचर व्यवस्था से आहत भूस्वामी ने लगाया उच्चधिकारियों से गुहार

बगहा से ग्रामीण संवाददाता कमलेश यादव की रिपोर्ट :

पुलिस थाना के स्पष्ट प्रतिवेदन के बावजूद अवैध कब्जेवारी को पँख लगा रहा अनुमंडल प्रशासन

जिस भूमि पर कब्जेवारी को ख़त्म करने के निमित्त उचित और सटीक कार्यवाही करने की जरुरत, उसे झमेले में डालने के नीयत से दोनों पक्षो पर अनुमंडलाधिकारी बगहा ने लगाया द. प्र. संहिता की धारा 107

आहत भूस्वामी ने डीएम पश्चिम चम्पारण समेत प्रदेश के आला अधिकारियों से उचित कार्यवाही की मांग की

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
कमलेश यादव
– अमिट लेख
बगहा, (ए.एल.न्यूज़)। प्रशासनिक अनदेखी के चलते बगहा अनुमंडलीय क्षेत्र में भूमि विवाद का मामला  निरंतर बढ़ती जा रही है। दो दिन पूर्व रामनगर थाना क्षेत्र में भूमि विवाद में मौत का तांडव इस बात का पुख्ता प्रमाण है की प्रशासनिक उदासीनता के चलते भूमि जटिलता का फैसला कानूनी प्रक्रिया के तहत लोग सुलझाने में अभिरूचि नहीं रखते। ऐसे हीं लौकारिया पुलिस थाना क्षेत्र के तरुअनवा गांव में भूमि विवाद के मामले को अनुमंडलीय प्रशासन ने सुलझाने के बजाय कागजी झमेले में परस्पर उलझाने का काम किया है। जानकारी के मुताबिक तरुअनवा निवासी जगमोहन काजी के पैतृक बंदोबस्त जमीन पर फ़र्ज़ी कागजातों का ताना बाना बुनते हुये प्रकाश गुरो नामक एक व्यक्ति ने उसके कुछ हिस्से पर अपना व्यवसायिक आशियाना बनाने का कुचक्र रच दिया है। जिस बाबत भूस्वामी ने अनुमंडल पदाधिकारी बगहा को पिछले दिनों विधि सम्मत विवादित भूमि के विरुद्ध धारा 144 लगाने हेतु अर्जी दिया था ताकि फर्जीवाड़े के खेल में शामिल प्रकाश गुरो पर अंकुश लगाया जा सके। परन्तु इस आशय की जांच लौकरिया पुलिस द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी को सुपुर्द करने के बाद भी स्पष्ट जांच प्रतिवेदन के बावजूद अनुमंडल पदाधिकारी को भूमि स्वामित्व की असलियत समझाने में या तो नाकाम रही अथवा बिहार में प्रशासन में राजनितिक गांठजोड़ की बढ़ चली परम्परा के भेंट चढ़ गई। अनुमंडल प्रशासन ने पुलिस जांच के स्पष्ट मंतव्य पर गौर करने के बजाय उक्त विवादित जमीन पर निषेधात्मक करर्वायी के बजाय दोनों पक्षो को उलझने का आगे भी मौका दे दिया है। बताते चले की पुलिस जांच में स्पष्ट कर दिया गया है की उक्त भूमि भूस्वामी जगमोहन काजी के दखल कब्जे की बंदोबस्त ज़मीन है, जिस पर झगड़ालू प्रवृति का प्रकाश गुरो नामक व्यक्ति निरंतर पक्का निर्माण करा रहा है। बावजूद इन तथ्यों के अनुमंडल पदाधिकारी बगहा ने एक ऒर करर्वायी के नाम पर भा. द. संहिता की धारा 107 तो दोनों पक्षो पर लागू कर दिया लेकिन अतिक्रमणकारी व्यक्ति पर अवैध और जबरन किये जा रहे निर्माण के विरुद्ध कोई ठोस रोक नहीं लगाया। जिस कारण उक्त मामला भविष्य में खतरनाक मोड लेने की स्थिति में जाती साफ नज़र आने लगी है।

एक साल पूर्व अतिक्रमणकारी ने किया था जानलेवा हमला

उल्लेखनीय है की पूर्व में प्रकाश गुरो द्वारा भूस्वामी पर एक बार सुनियोजित जानलेवा हमला भी किया जा चुका है, जिसका विवाद माननीय न्यायालय में चल रहा है। अनुमंडल पदाधिकारी की इस चूक भरे निर्णय से आहत भूस्वामी ने अब पुनः जिलाधिकारी समेत प्रदेश के वरीय आला अधिकारियों को आवेदन भेज स्पष्ट जताया है की इस प्रशासनिक चूक के चलते यदि भविष्य में किसी भी प्रकार का नुक्सान होता है तो इसके लिए बगहा प्रशासन जिम्मेवार माना जाएगा। अब देखना है की भूस्वामी की अर्जी का यह प्रयास उसे उचित न्याय दिलाता है या उसकी जमीन पर बगहा प्रशासन अतिक्रमणकारी व्यक्ति का नाजायज झंडा गड़वाने का काम करता है।

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