बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह का चश्मा,:
भाजपा डॉ. अंबेडकर लिखित संविधान का सम्मान नहीं करती : सुनील कुमार राव
संवैधानिक पद पर रहते हुए अमित शाह द्वारा अंबेडकर के किये गए अपमान के लिए गृहमंत्री पद से इस्तीफे की मांग : वामदल
एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के नाम पर भाजपा राजनीतिक व्यवस्था को पोछे धकेलना चाहतीं है : वामदल
न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण
मोहन सिंह
– अमिट लेख
बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा डॉ. अंबेडकर के प्रति अपमानजनक वक्तव्य देने के विरोध में भाकपा माले, भाकपा, माकपा ने संयुक्त रूप से राजदेवडी टांगा स्टैंड से विरोध मार्च निकाल कर समाहरणालय गेट पर पहुँच कर प्रदर्शन किया।
भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य सुनील कुमार राव, माकपा जिला सचिव चांदसी यादव, भाकपा जिला नेता राधामोहन यादव ने कहा कि अमित शाह का बयान दिखाता है कि भाजपा डॉ. अंबेडकर लिखित संविधान का सम्मान नहीं करती. भगवा पार्टी और उसका पितृ संगठन आरएसएस संविधान लागू होने के समय भी और आज भी मनुस्मृति को ही संविधान मानते हैं। वक्ताओं ने संवैधानिक पद पर रहते हुए अमित शाह द्वारा अंबेडकर के किये गए अपमान के लिए गृहमंत्री पद से इस्तीफे की मांग की। भाकपा माले नेता संजय यादव, माकपा नेता प्रभु नाथ गुप्ता, भाकपा नेता सुबोध मुखिया ने सभा को संबोधित करते हुए. कहा कि हम संविधान पर हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे।
लोकतंत्र और संविधान को बचाने का काम करेंगे। भाकपा माले नेता संजय मुखिया, संजय राम, इन्द्र देव कुशवाहा, अच्छे लाल राम ने कहा कि गृह मंत्री द्वारा बार-बार डॉ. अंबेडकर का गए नाम लेकर उपहास करना भाजपा और आरएसएस के अंबेडकर के प्रति विद्वेष को अभिव्यक्त करता है. नेताओं ने मोदी सरकार से देश से माफी मांगने और गृहमंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने की मांग किया। भाकपा (माले) के सुनील यादव, माकपा नेता शंकर कुमार राव, भाकपा नेता ज्वाला कान्त दूवे ने कहा कि ‘ एक राष्ट्र, एक चुनाव’ या समानांतर चुनाव का प्रस्ताव अलोकतांत्रिक है। भाजपा का यह पसंदीदा विचार संविधान की जीवनधारा माने जाने वाले लोकतंत्र और संघवाद की मूल भावना को कमजोर करता है। आज ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के नाम पर भाजपा राजनीतिक व्यवस्था को पोछे धकेलने और संवैधानिक संशोधनों के माध्यम से राजनीति पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रही है। भाकपा माले नेता फरहान राजा, भाकपा नेता हरेन्द्र दूवे, माकपा नेता नीरज बरनवाल नेता ने एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि इसके पीछे संघ-भाजपा की सत्ता के अत्यधिक केंद्रीकरण और भारत की विविध सांस्कृक्तिक, बहुलतावादी राजनीति और संघीय ढांचे को व्यवस्थित रूप से कमजोर करने की योजना है। इंसाफ़ मंच जिला अध्यक्ष अखतर इमाम ने कहा कि आज का विरोधी मार्च संघीय भारत मोदी सरकार के ‘हिंदी हिंदू-हिंदुस्तान’ के नजरिये के खिलाफ सबसे सशक्त और जीवंत प्रतिरोध पेश करता है। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का फार्मूला इस उथल-पुथल को दबाने और लोकतांत्रिक भारत को फासीवादी शासन की साम्राज्यवादी योजनाओं के अधीन करने का प्रयास है। इनके अलावा भाकपा माले नेता अफाक अहमद, अब्दुल खैर, जुलकर नैन, कलाम अंसारी, जोखू चौधरी, नवीन कुमार, इसलाम अंसारी, वीरेंद्र पासवान, रविन्द्र राम, जवाहर प्रसाद, रिखी साह, मन बोध साह, धर्म कुशवाहा, योगेन्द्र यादव, सुरेन्द्र चौधरी, अरूण तिवारी, जग्रनाथ यादव, शुशील श्रीवास्तव, प्रकाश वर्मा,जयन्त दुबे, गंगा प्रसाद, खलकुजामा, अंजारूल कैलाश प्रसाद आदि नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया।