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मूल स्वरूप में पुनःस्थापित होगा ऐतिहासिक राज ड्योढी और पूरा राज कचहरी परिसर : गरिमा

बेतिया से उप संपादक मोहन सिंह का चश्मा :

आकर्षक और सुसज्जित चबूतरे पर लाइटिंग और रंगीन फव्वारा के बीच स्मारक रूप में स्थापित होगी अंतिम महाराजा और महारानी की आदमकद प्रतिमा

राजस्व पर्षद अध्यक्ष क़ी सहमति और जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में पर्यटन के मानचित्र पर नगर निगम उभरेगा बेतिया राज कालीन राज ड्योढी और राज कचहरी परिसर जैसे रमणीक धरोहर

पूरे परिसर को पार्क के रूप में विकसित होने के साथ अपने ऐतिहासिक मूल स्वरूप में फिर दिखने लगेंगे राज कचहरी के दोनों तोप, कुआं सहित फांसी घर और सभी द्वार

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने बताया कि बिहार राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक सर क़ी सहमति और जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय सर के मार्गदर्शन में नगर के ऐतिहासिक धरोहर राज ड्योढी सहित संपूर्ण राज कचहरी परिसर को उसके मूल स्वरूप में पुनः स्थापित किए जाने वाली मेरी महत्वाकांक्षी योजना का पूरा होना वर्ष 2025 की बड़ी उपलब्धि होगी।

फोटो : मोहन सिंह

नगर निगम के द्वारा पारित इसकी एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना की निविदा को अंतिम स्वीकृति मिल गई है। महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया कि इसके तहत बेतिया के अंतिम राजा महाराजा हरेंद्र किशोर और महारानी जानकी कुंवर की सुंदर सुसज्जित चबूतरे पर आदम कद प्रतिमा स्थापित किया जाना इस योजना के तहत की जाने वाली एक बड़ी पहल है। चबूतरा और उसकी सीढी,वहां पहुंचने के लिए 6 फीट चौड़ा पाथवे का निर्माण मेन रोड तक तक कराया जाना स्वीकृत हुआ है। इसका साथ ही इस स्मारक के सुंदर गेट, सीढी, गार्डन लाइट, पिलर्स पर लाइट, चबूतरे पर स्टील का घेरा और सिढ़ी पर स्टील की रेलिंग और मूर्तियों के ऊपर आकर्षक छतरीनुमा शेड का निर्माण कराया जाएगा। महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया कि इसके साथ ही राज ड्योढी परिसर के पूर्ववर्ती टांगा स्टैंड में महान स्वाधीनता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति का नया चबूतरा, सीढी, स्टील का वर्क, लाइटिंग,bमूर्ति के ऊपर छतरीनुमा शेड, प्याऊ आदि का निर्माण किया जाएगा।

बेतिया राज कालीन तोप और फांसी घर को भी वास्तविक स्वरूप में किया जाएगा स्थापित

महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया कि राज कचहरी परिसर में ही स्थापित रहे बेतिया राज कालीन तोप और फांसी घर को भी वास्तविक स्वरूप में किया स्थापित किया जाएगा। तोप के क्षतिग्रस्त स्टैंड को उसके मूल स्वरुप में रखते हुए उसपर ग्रेनाइट लगाने, मूल स्वरूप में फांसी का कुआँ को उभारना, पेड़ का चबूतरा, बाउंड्री और ग्रिल, फाउंटेन, पाथवे, पीलर पर लाइट, गार्डन लाइट के आकर्षक स्वरूप में निर्माण को नगर निगम बोर्ड से स्वीकृति प्रदान की गई है।

छाया : अमिट लेख

महापौर श्रीमती सिकारिया ने यह भी बताया कि इसके लिए 84.38 लाख और 79.16 लाख लागत वाली दो योजना समूह की निविदा निकाली जा रही है। इस योजना के तहत जोड़ा शिवालय, राजगुरू चौक, संत कबीर चौक, हॉस्पिटल रोड एवं उत्तरी द्वार देवी चौक के तरफ से राजड्योढी में प्रवेश करने के लिए बने हुए सभी बेतिया राज कालीन सभी क्षतिग्रस्त द्वारों को भी उनके मूल स्वरूप में मजबूत और आकर्षक मूल स्वरूप में पुनः स्थापित किया जाएगा।

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