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Post: होली के बाद फिर साथ आएंगे लालू-नीतीश !

होली के बाद फिर साथ आएंगे लालू-नीतीश !

विशेष ब्यूरो बिहार दिवाकर पाण्डेय की रिपोर्ट :

राजद सुप्रीमो ने बिहार में जदयू संग नए सियासी समीकरण का दिया संदेश

न्यूज़ डेस्क, राजधानी पटना

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख
पटना, (ए.एल.न्यूज़)। होली पर राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपने बधाई संदेश ने नए सियासी समीकरणों के संकेत दिए है। उन्होंने शनिवार को अपने सोशल मीडिया पर होली को लेकर बधाई संदेश दिया। इसमें उन्होंने एक तरह से अपने सियासी प्रतिद्वंद्वियों को इशारा दिया है कि आप पुनः हमारे साथ हाथ मिलाए। माना जा रहा है कि उनका यह संदेश बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए छुपा हुआ संदेश है कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले फिर से राजद-जदयू एक साथ आयें।
लालू यादव ने आने संदेश में लिखा है – ‘हर पुरानी बात भूलकर आओ करें नई शुरुआत,प्रेम और अपनत्व के भाव से समाज में हो हर बात!’ सभी देशवासियों को #होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

हालाँकि लालू यादव ने इसमें किसी राजनीतिक दल या सियासी व्यक्ति का जिक्र नहीं किया है लेकिन उनके इस शुभकामना संदेश में जिन लोगों को पुरानी बातें भूलकर साथ आने और नई शुरुआत करने को कहा गया है उसमें माना जा रहा है कि उनका इशारा नीतीश कुमार के लिए है। गौरतलब है कि नीतीश कुमार को लेकर पहले भी लालू यादव कह चुके हैं कि उनके दरवाजे खुले हुए हैं।
हालाँकि लालू यादव से अलग उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने अलग ही संदेश दिया। उन्होंने होली के जोगीरा अंदाज में नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्तों के उतार-चढ़ाव पर चुटीले अंदाज में टिप्पणी की। बिना नीतीश कुमार का नाम लिखे उन्होंने ‘चाचा’ पर कटाक्ष किया है।

रोहिणी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा है –

न्यौता दे कर ‘जिसकी’ भोज की थाली लिहिन ‘चाचा’ पहिले छीन

‘उसके’ ही चरणों में लोट गए फिर बन के रीढ़विहीन ..

जोगीरा … … … !!

 

दरअसल, रोहिणी आचार्य हों या लालू यादव के अन्य संतान वे अक्सर ही नीतीश कुमार को चाचा कहकर संबोधित करते है। रोहिणी का यह व्यंग्य नीतीश कुमार के उस दौर को स्मरण कराने की कोशिश है जब उन्होंने नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे उस समय उन्हें बिहार दौरे के दौरान भोज पर बुलाया था लेकिन अंतिम समय में भोज कैंसिल कर दिया था। इसके बाद नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के रिश्ते और ज्यादा खराब हुए। यहां तक कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू ने एनडीए से अलग होकर बिहार संसदीय चुनाव लड़ा। हालांकि बाद में नीतीश कुमार ने फिर से भाजपा से दोस्ती कर ली और अब एनडीए समर्थित नीतीश सरकार बिहार में है।

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