



जगदीशपुर नयकाटोला में छात्र संगठन आइसा ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और बिहार के राज्यपाल का फूंका पुतला
एनईपी और एफवाईयूपी वापस लें सरकार नहीं तो होगा बड़ा आन्दोलन : आइसा
✍️ अरुण कुमार ओझा, अनुमंडल ब्यूरो
– अमिट लेख
जगदीशपुर, (आरा/भोजपुर)। बिहार के विश्वविद्यालयों में चार सलाना अंतर स्नातक कोर्स ( एफवाईयूपी ) और (एनईपी- 2020) लागू करने के खिलाफ में आज छात्र संगठन ‘आइसा’ ने जमकर सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुये पुतला फूंका।
इसके समर्थन में जगदीशपुर ‘इनौस’ अध्यक्ष चंदन यादव भी उपस्थित रहें। सभा का संचालन सेराज वारसी ने किया। प्रदर्शन में उपस्थित रहें आइसा प्रखंड सचिव कमलेश यादव ने कहा कि सरकार नई शिक्षा नीति एवं एफवाईयूपी में स्किल डेवलपमेंट कोर्स को पढ़ा कर कॉर्पोरेट्स के लिए सस्ता मजदूर पैदा करना चाहती है।
शोधपरक शिक्षा या उच्च शिक्षा से वंचित कर देना चाहती हैं। ज्ञान विज्ञान का विकास या उसमें खर्च करना मोदी सरकार को फिजूल की वस्तु लगती हैं। शिक्षा का मतलब बस कुछ स्किल सिखा कर मजदूर पैदा कर देना चाहती है। जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव वंचित-गरीबों पर पड़ेगा।
आइसा प्रखंड अध्यक्ष शाहनवाज खान कहा कि एफवाईयूपी लागू होने से जिस विषय में ऑनर्स करना चाहते हैं उसके कोर पेपर को घटा दिया जाएगा। और, उसके जगह पर कौशल विकाश तथा भारतीय ज्ञान परंपरा के नाम पर मूर्ति पूजा, वैदिक ज्ञान, ज्योतिष विद्या, फिट इंडिया, योग, आयुर्वेद, स्पोर्ट्स फॉर लाइफ, इमोशनल इंटेलिजेंस जैसे विषय पढ़ाने की बात कही जा रही हैं। इससे छात्र-छात्राओं को अपने विषय की गहरी समझ नहीं हो पाएगी। यह विद्यार्थियों के भीतर अवैज्ञानिक सोच एवं अंधविश्वास को बढ़ावा देगा। भारतीय ज्ञान परंपरा के नाम पर ब्राह्मणवादी परंपरा पढ़ाया जाएगा। प्रदर्शन में आइसा प्रखंड सचिव कमलेश यादव, अध्यक्ष शाहनवाज खान, राहुल कुमार, सुमित कुमार, अमित कुशवाहा, सोनू यादव, अमित यादव, संजय सिंह, भूषण कुमार, लल्लू यादव, राहुल कुशवाहा उपस्थित रहे। यह जानकारी अमिट लेख को आइसा के प्रखंड अध्यक्ष शाहनवाज खान द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से डी गई।