



आरजेडी की ओर से जारी जिलाध्यक्षों की लिस्ट में माई (मुसलमान और यादव) समीकरण का पूरा ख्याल रखा गया है।
यादव और मुस्लमानो पर रखा गया विशेष नजर, ब्राह्मणों को नहीं मिला स्थान
✍️ अमिट लेख टीम
पटना, (विशेष)। आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के निर्देशानुसार प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने 47 जिलाध्यक्ष व 47 जिला संगठन के प्रधान महासचिव एवं 20 सदस्यीय प्रदेश कार्य समिति के गठन की घोषणा किया गया। इसके अतिरिक्त जगदानंद सिंह ने युवा, महिला एवं छात्र प्रकोष्ठ के अध्यक्षों का भी मनोनयन किया। आरजेडी की ओर से जारी जिलाध्यक्षों की लिस्ट में माई (मुसलमान और यादव) समीकरण का पूरा ख्याल रखा गया है। खुद को ए टू जेड की पार्टी घोषित करने वाले दल राजद ने ब्राहणों की पूरी तरह उपेक्षा की है जबकि एक भूमिहार व दो राजपूतों को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी देकर संतुष्ट हो गयी है। राजद द्वारा जारी 47 जिलाध्यक्षों की सूची में शेखपुरा का जिला अध्यक्ष भूमिहार, व गोपालगंज एवं बाढ, पटना का अध्यक्ष राजपूत समाज से आने वाले नेता को बनाया गया है। जबकि 11 मुसलमान 4 अति पिछडा़ व 7 फारवर्ड तथा 9 अति पिछड़ा वर्ग के नेताओं को स्थान दिया गया है। वहीं दूसरी ओर भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने राष्ट्रीय जनता दल द्वारा जारी बिहार के सभी जिलाध्यक्षों की सूची पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि उस सूची में ब्राह्मण-भूमिहार समाज के प्रति विद्वेषपूर्ण मानसिकता और मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति अपनाई गई है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ ही दिनों पहले राजद के लोग यादव समाज से दही जमवाकर, भूमिहार- ब्राह्मण समाज से चूड़ा जुटाकर दही-चूड़ा भोज मनाने की बात कर रहे थे। अब एक भी जिलाध्यक्ष ब्राह्मण-भूमिहार से न बनाकर उनको अपमानित कर रहे हैं। राजद एम-वाई समीकरण से से इंजन चलाने की बात करती है और वहीं राजपूत को झांसा देने एवं दलित-अति पिछड़ों से सिर्फ झोला-झंडा उठवाकर जयकारा लगवाना चाहती है।