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Post: खानकाहे मुजीबिया से निकला सातवीं मोहर्रम का जुलूस

खानकाहे मुजीबिया से निकला सातवीं मोहर्रम का जुलूस

महराजगंज जनपद से ब्यूरो रिपोर्ट :

खानकाहे मुजीबिया के सूफी बाबा मुजीबुर्रहमान शाह की सरपरस्ती में 27 जून से ही लगातार 6 जुलाई तक यह यादगारे इमामे हुसैन का दस रोज़ा प्रोग्राम आयोजित किया गया

कौव्वाल तैमूर अली चिश्ती ने महफ़िल में चार चाँद लगा दिया

न्यूज़ डेस्क, जनपद महराजगंज 

तैयब अली चिश्ती

– अमिट लेख

महराजगंज, (ए.एल.न्यूज़)। जनपद के थाना पारसा मलिक अंतर्गत मरजादपुर सिवान स्थित मशहूर खानकाहे मुजीबिया में सातवीं मोहर्रम शरीफ़ के मौके एक अजीमुस्सान दस रोज़ा प्रोग्राम के तहत सातवीं मोहर्रम को निकला भव्य जुलूस।

फोटो : ब्यूरो

इस खास मौके पर हजारों की संख्या में अकीदतमंदों की भारी भीड़ देखने को मिला। खानकाहे मुजीबिया के सूफी बाबा मुजीबुर्रहमान शाह की सरपरस्ती में 27 जून से ही लगातार 6 जुलाई तक यह यादगारे इमामे हुसैन का दस रोज़ा प्रोग्राम आयोजित किया गया। इस मौके पर मिलाद शरीफ, से लेकर शहीदाने कर्बला के नाम सातवीं मोहर्रम को जुलूस के साथ चादरपोशी,एवं गागर, निकाल कर कौव्वाली के प्रोग्राम गाते हुए बहुआर से चल कर आए कौव्वाल तैमूर अली चिश्ती ने महफ़िल में चार चाँद लगा दिया।

छाया : अमिट लेख

उस के बाद महफिल-ए-समा एवं जलसे का भी आयोजन किया हुआ। इस पाक प्रोग्राम में न सिर्फ आस-पास के गांवों से बल्कि मित्र देश राष्ट्रीय नेपाल एवं दूर-दराज़ से भी अकीदतमंदों की बड़ी तादाद में भीड़भाड़ देखने को मिला। और कर्बला के शहीदों को याद करते हुए हल्क़ा-ए-ज़िक्र में शिरकत किए। कार्यक्रम के आखिर में सलातो सलाम का नजराना पेश किया गया। फातिहा के बाद मुल्क में अमन-ओ-चैन, भाईचारे और सलामती की दुआएं मांगी गई। खानकाहे मुजीबिया की यह परंपरा न सिर्फ आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि सामाजिक समरसता का भी संदेश देती है।

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