सरस्वती शिशु मंदिर के संस्थापक आचार्य राजेंद्र का निधन बाकेपुर के लिए अपूरणीय क्षति- प्रधानाचार्य
✍️ निरंजन कुमार, जिला ब्यूरो
– अमिट लेख
मुंगेर, (बिहार)। सरस्वती शिशु मंदिर बेकापुर के विशाल कक्ष में गुरुवार को दिवंगत पूर्व प्रधानाचार्य राजेंद्र यादव को विद्यालय के भैया बहनों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। विदित हो कि 25 अप्रैल के सायंकाल उनका निधन हो गया। निधन का समाचार पाकर पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ पड़ी। स्मरण रहे शहर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान लक्ष्मण विद्या मंदिर जो बाद में 1977 में सरस्वती शिशु मंदिर में तब्दील हो गयी। उसके वे प्रधानाचार्य भी रह चुके थे। साथ ही शहर के सभी शिशु मंदिरों की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। विद्यालय के प्रधानाचार्य जयंत कुमार चौधरी ने कहा हम सरीखे हजारों कार्यकर्ताओं के प्रेरणा स्रोत व शिल्पी रूप में कार्य करने वाले राजेंद्र यादव जी अब हमारे बीच नहीं रहे। परंतु उनकी प्रेरणा कार्यकुशलता को हम सभी भूल नहीं पाएंगे। वह अब हमारी यादों में रहकर हम सबको अपने नाम के अनुरूप (सूर्यदीप स्वामी जी द्वारा दिया गया नाम) दिग्दर्शन करते रहेंगे। विद्यालय के सभी भैया-बहन आचार्य सहित बड़ी संख्या में विद्यालय से जुड़े लोगों ने 2 मिनट का मौन रखकर दिव्य आत्मा की शांति हेतु प्रभु से प्रार्थना की। आपने सदैव सामाजिक संगठनों से जुड़े रहकर लोक कल्याण के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंच संचालन करते हुए विद्यालय के वरिष्ठ नेता तरुण कुमार ने कहा स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद यादव जी अपने गांव बेकापुर के कई दशकों तक मुखिया रहे। आपके उल्लेखनीय कार्यशैली की तारीफ पुराने छात्र भी करते हैं। आप को शत-शत नमन इस अवसर पर विद्यालय के आचार्य रामा शंकर प्रसाद, विमल कुमार झा, रितेश कुमार शर्मा, सुबोध कुमार, पूनम दास, विनीता कुमारी, ज्योति सिन्हा, रजनी, शीपू राज सहित सैकड़ों भैया-बहनों ने दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।