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Post: लौरिया प्रखंड के धोबनी गाँव में आयोजित हुआ “गोट हाट”

लौरिया प्रखंड के धोबनी गाँव में आयोजित हुआ “गोट हाट”

बेतिया से उप-संपादक का चश्मा :

40 जीविका दीदियों को मिली निःशुल्क तीन तीन बकरियाँ

डॉ. सिंह ने बताया कि प्रत्येक तीन महीने पर कृमिनाशक एवं मिनरल मिक्सचर का सेवन कराने से बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में काफी वृद्धि होती है

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चम्पारण 

मोहन सिंह

– अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। लौरिया प्रखंड अंतर्गत धोबनी गाँव में आज बकरी एवं भेड़ परियोजना के तहत एक विशेष “गोट हाट” का आयोजन किया गया।

फोटो : अमिट लेख

इस आयोजन का उद्देश्य बकरीपालन के जरिये दीदियों को आत्मनिर्भर बनाना तथा पशुपालन को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्त माध्यम बनाना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 40 जीविका दीदियों को तीन-तीन उन्नत प्रजाति की बकरियाँ निःशुल्क प्रदान की गईं। ये सभी बकरियाँ प्रजनन की दृष्टि से उच्च क्षमतावान हैं और इनसे अधिक संख्या में मेमनों के जन्म की संभावना है, जिससे दीदियों को बेहतर आमदनी प्राप्त हो सकेगी। बकरियों की पहचान सुनिश्चित करने हेतु ईयर टैगिंग भी की गई है, जिससे पशुओं का रिकॉर्ड बनाए रखना और स्वास्थ्य सेवाओं का समय पर प्रावधान करना सरल हो सकेगा। बकरियों के साथ-साथ दीदियों को कृमिनाशक दवाएँ, मिनरल मिक्सचर एवं पाचक औषधियाँ भी निःशुल्क उपलब्ध कराई गईं। यह सभी उत्पाद पशुओं के पोषण और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। कार्यक्रम में उपस्थित लौरिया प्रखंड के भ्रमणशील पशु चिकित्सक डॉ. अभिषेक कुमार सिंह ने जीविका दीदियों को बकरी पालन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं। उन्होंने बताया कि: “यदि बकरियों को उचित पोषण, साफ-सुथरा वातावरण और समय पर टीकाकरण दिया जाए, तो वे संक्रमण से बचती हैं और उनका वज़न तेजी से बढ़ता है। इससे दीदियों को प्रति बकरी सालाना 40-50 हजार रुपये तक की आय हो सकती है।” डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि प्रत्येक तीन महीने पर कृमिनाशक एवं मिनरल मिक्सचर का सेवन कराने से बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में काफी वृद्धि होती है। कार्यक्रम में जीविका के पशुधन प्रबंधक अमन तिवारी ने बताया कि जिले में अब तक 5 गोट हाट सफलतापूर्वक आयोजित किए जा चुके हैं, जिससे 200 जीविका दीदियाँ लाभान्वित हुई हैं। इसी माह जिले में तीन और गोट हाट आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि और अधिक महिलाओं को इसका लाभ मिल सके।

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