



पटना ब्यूरो की रिपोर्ट :
दस वर्षो से पुलिस को थी कई मामलों में तलाश
न्यूज़ डेस्क, राजधानी खबर
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
पटना(ए.एल.न्यूज)। मुंगेर पुलिस और बिहार एसटीएफ टीम की ओर से लगातार नक्सलियों के खिलाफ जंगलों में अभियान चलाया जा रहा है। इसी दौरान 5 जुलाई 2025 को भी टीम ने राजासराय के जंगलों में विशेष टीम से नक्सलियों के साथ मुठभेड हुआ था। जिसमें नक्सली रात के अंधेरे और घने जंगलों का सहारा लेकर भागने में सफल हो गए थे। लेकिन विशेष टीम की कार्रवाई जारी रही। कर्मंतरी एवं सवासीन के जंगलों में तीव्रता से संचालित दबिश अभियानों के कारण हार्डकोर नक्सली रोहित कोढ़ा उर्फ भोला कोड़ा उर्फ विकास दा ने सरकार के द्वारा उग्रवादियों के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। एसपी सैयद इमरान मसूद ने बताया कि भोला कोड़ा मुंगेर जिले के लड़ैयाटांड थाना क्षेत्र के पेसरा निवासी मनोज कोड़ा उर्फ बुधु कोड़ा का पुत्र है। भोला कोड़ा नक्सली कमांडर प्रवेश दा उर्फ परवेज दा के दस्ता का प्रमुख सदस्य रहा है । उस पर मुंगेर, लखीसराय, जमुई के अलावे झारखंड के बोकारों में एक दर्जन से अधिक नक्सली मामला दर्ज है। अप्रैल 2025 में झारखंड के बोकारों में पुलिस से मुठभेड़ में आठ नक्सली मारे गए थे। जिसमें भोला कोड़ा किसी तरह से जान बचाकर भाग निकला था। सरेंडर के बाद उसके निशानदेही पर सबासनी के जंगल से हथियार, नक्सल साहित्य और आपत्तिजनक चीजों को पुलिस ने बरामद किया है। अब बिहार सरकार के द्वारा उग्रवादी सरेंडर नीति के तहत मुख्य धारा में जोड़ कई योजनाओं का लाभ दिया जाएगा । इसके ऊपर मुंगेर, जमुई , लखीसराय और झारखंड में कई नक्सली कांड दर्ज है ।