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28 जुलाई का संकल्प और जनप्रतिरोध का आह्वान

बेतिया से उप-संपादक का चश्मा : 

भाकपा माले के संस्थापक महासचिव कॉमरेड चारु मजूमदार की 53वीं शहादत की बरसी पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित किया गया

लाखों लोगों से मताधिकार छीन लेने की साजिश कर रहा है चुनाव आयोग : माले

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चंपारण 

मोहन सिंह

–  अमिट लेख

बेतिया, (ए.एल.न्यूज़)। भारत के कम्युनिस्ट आंदोलन के महान क्रांतिकारी और भाकपा(माले) के संस्थापक महासचिव कॉमरेड चारु मजूमदार को उनकी 53वीं शहादत की बरसी पर बेतिया पार्टी कार्यालय पर संकल्प सभा कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित किया।

फोटो : मोहन सिंह

इस अवसर पर सभी दिवंगत नेताओं और महान शहीदों को भी सलाम करते हुये, कम्युनिस्ट आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिये।
भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य सुनील यादव ने कहा कि बिहार में ‘वोटबंदी’ का एक अभूतपूर्व हमला चल रहा है, जो लाखों लोगों से मताधिकार छीन लेने की साजिश है और हमारे संविधान की बुनियाद — सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार — को सीमित और चुनिंदा बना देने का खतरा पैदा कर रहा है।

छाया : अमिट लेख

आगे कहा कि महाराष्ट्र में हमने एक बुरी तरह से धांधली भरे चुनाव का सामना किया, जहां धांधली का तरीका और पैमाना चुनाव के खत्म होने और नतीजों की चोरी के बाद ही सामने आया। लेकिन बिहार में यह सब कुछ हमारी आंखों के सामने हो रहा है. ऐसे में मताधिकार और चुनाव प्रक्रिया को बचाना अब जन-प्रतिरोध का सबसे जरूरी एजेंडा बन चुका है। ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (SIR) की शुरुआत बिहार से हुई है और अब इसे पूरे देश में लागू करने की तैयारी है।

छाया : अमिट लेख

इसे संविधान, नागरिकता और वोट के अधिकार पर सबसे बड़े हमले के रूप में चिन्हित कर, देशव्यापी प्रतिरोध खड़ा करना होगा। माले नेता भरत शर्मा ने कहा कि बिहार में ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (SIR) का हमला जारी है, वहीं पश्चिम बंगाल के प्रवासी मज़दूरों को भाजपा शासित राज्यों में ‘अवैध बांग्लादेशी’ बताकर व्यवस्थित रूप से निशाना बनाया जा रहा है। उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है, मारा-पीटा जा रहा है, और अपमानित किया जा रहा है। असम, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में मुस्लिमों, हाशिए पर पड़े समुदायों और गरीबों के खिलाफ बड़े पैमाने पर बुलडोज़र अभियान चल रहे हैं। 9 जुलाई की अखिल भारतीय हड़ताल में दिखी मज़दूर-किसान एकता की ताक़त को अब इस फासीवादी हमले के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में बदलना होगा। इनके अलावा सोना लाल पासवान, अशर्फी राम, महेन्द्र राम, ठाकुर पटेल, प्रकाश माझी, मुजबूर्रबान साहब, रजदार, पिंकू, रमाशंकर राम, अरूण तिवारी आदि नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया।

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