



पटना ब्यूरो की रिपोर्ट :
‘स्कूल का बस्ता’ बना जनता की उम्मीद का प्रतीक
न्यूज़ डेस्क, राजधानी खबर
दिवाकर पाण्डेय
– अमिट लेख
मोतिहारी(ए.एल.न्यूज)। सुगौली की ज़मीन से गहराई से जुड़े, समाजसेवी और वरिष्ठ नेता लाल बाबू सिंह अब जन सुराज पार्टी से सुगौली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। 25 वर्षों से सक्रिय राजनीति में रहे लाल बाबू सिंह पहले जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं और बाद में आशा पार्टी में भी प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में अहम भूमिका निभा चुके हैं। हाल ही में आशा पार्टी के जन सुराज में विलय के बाद वे जन सुराज के अग्रणी नेताओं में शुमार हो गए हैं। लाल बाबू सिंह वर्षों से गरीबों, महिलाओं और ज़रूरतमंदों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य और सहायता सामग्री (कपड़े, दवा, भोजन) के वितरण से लेकर हर कठिन वक्त में मददगार के रूप में सामने आते रहे हैं। सुगौली के गांव-गांव, टोले-टोले में उनका सीधा जुड़ाव है और जनता उन्हें अपना सच्चा प्रतिनिधि मानने लगी है। अब जब जन सुराज ने अपना चुनाव चिन्ह “स्कूल का बस्ता” घोषित किया है, तो यह बस्ता अब केवल शिक्षा का प्रतीक नहीं, बल्कि ईमानदार और जवाबदेह राजनीति का प्रतीक बन चुका है। लोग कह रहे हैं कि यह बस्ता उनके बच्चों के भविष्य की गारंटी है और जन सुराज उनके गांवों के विकास की उम्मीद। भाजपा और राजद के खेमों में चिंता की लकीरें हैं क्योंकि लाल बाबू सिंह की बैठकों में भारी भीड़ उमड़ रही है। युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक में उनके लिए ज़बरदस्त समर्थन देखा जा रहा है। हर पंचायत में उनके समर्थन में अभियान तेज़ हो चुका है।
> यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं, सुगौली के हर उस व्यक्ति की है जो बदलाव चाहता है। ‘स्कूल का बस्ता’ उठाकर हम सुगौली के भविष्य संवारेंगे।”
स्थानीय लोग और कार्यकर्ता अब यह ठान चुके हैं कि इस बार किसी भी हालत में लाल बाबू सिंह को विधायक बनाना है, ताकि सुगौली को भ्रष्ट, गैरजवाबदेह प्रतिनिधित्व से मुक्ति मिले और एक सशक्त नेतृत्व उभरे।