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Post: गंगा पार कर चुकी है खतरे का निशान, उफान अभी और बढ़ेगा

गंगा पार कर चुकी है खतरे का निशान, उफान अभी और बढ़ेगा

पटना ब्यूरो रिपोर्ट :

बिहार के कई जिलों में भीषण बाढ़ की चेतावनी

न्यूज़ डेस्क, राजधानी खबर

दिवाकर पाण्डेय

– अमिट लेख

पटना(ए.एल.न्यूज)। बिहार के बक्सर जिले में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और यह खतरे के लाल निशान को पार कर गया। इसके चलते शहर के सभी 32 घाट पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। रामरेखा घाट समेत अधिकांश घाटों के किनारे बसा रिहायशी इलाका अब सीधे बाढ़ के पानी की चपेट में आ गया है। जिससे तटवर्ती इलाकों में संकट गहरा गया है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश और गंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में जलप्रवाह बढ़ने से गंगा का जलस्तर तेजी से ऊपर जा रहा है। रविवार सुबह 11 बजे गंगा का जलस्तर 60.32 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया। जलस्तर में प्रति घंटे 1 सेमी की वृद्धि हो रही है और शाम तक यह 60.49 मीटर तक पहुंच चुका था। जिला प्रशासन ने अनुमान जताया है कि आगामी 5 अगस्त की दोपहर तक जलस्तर 60.85 मीटर तक पहुंच सकता है।
बक्सर-कोईलवर तटबंध पर भी कई स्थानों पर पानी का दबाव बढ़ गया है। शिवपुरी, मठिया मोड़ और आसपास के क्षेत्रों में नहरें और सहायक नदियां उफान पर हैं। इससे तटबंध टूटने का खतरा और बढ़ गया है। प्रशासन ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए आपात स्थिति में सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 06183-223333 जारी किया है। जवहीं दियर पंचायत के महाजी डेरा गांव में बाढ़ का पानी घुस चुका है। खेतों में पानी भर जाने से धान और सब्जी की फसलें बर्बाद हो रही हैं। स्थानीय बीडीसी प्रतिनिधि मुन्ना यादव ने बताया कि हर साल बाढ़ से इस पंचायत को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से राहत शिविर, नावों की व्यवस्था, और मुआवजे की मांग की है। गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से दियारा क्षेत्र के लोगों में 2017 की प्रलयकारी बाढ़ की भयावह यादें ताजा हो गई हैं। उस समय बाढ़ ने व्यापक रूप से जान-माल का नुकसान पहुंचाया था। इस बार भी ग्रामीण एहतियातन ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने और जरूरत का सामान पहले से पैक करने जैसे कदम उठा रहे हैं। बक्सर जिले में गंगा का बढ़ता जलस्तर प्रशासन और जनता दोनों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। प्रशासन की ओर से राहत कार्यों की तैयारी शुरू कर दी गई है लेकिन अगर बारिश और जलस्तर वृद्धि का यही क्रम जारी रहा, तो बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है।

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