सुसाइड नोट लिख दंत चिकित्सक ने अपने ही कमरे में लगाई फांसी, सुसाइड नोट में पत्नी को ठहराया जम्मेदार
✍️ जितेन्द्र कुमार, जिला ब्यूरो की रिपोर्ट
– अमिट लेख
त्रिवेणीगंज, (सुपौल)। शुक्रवार को बाजार क्षेत्र के हाईस्कूल के समीप अपने किराये के मकान में रह त्रिवेणीगंज के मशहूर दंत चिकित्सक डॉ.अनुराग आर्यन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया है।
उसके पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिली है। मृतक चिकित्सक का उम्र लगभग 35 बर्ष बताई जा रही है। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। चिकित्सक के इस कदम को लेकर क्षेत्र में अटकलों का बाजार गर्म है। पुलिस घटना के संबंध में आगे की कार्रवाई कर रही है। थानाध्यक्ष संदीप कुमार सिंह ने बताया कि आज सुबह जानकारी दी गई कि डॉ.अनुराग आर्यन अपने कमरे में है और कमरे का दरवाजा नही खोल रहे है। इस आलोक में थाना पुलिस पार्टी और हम आए तो देखे दरवाजा अंदर से लॉक है। इसकी सूचना हमलोग एसडीएम और एसडीपीओ को दिया वहां दंडाधिकारी के रूप में एएसडीएम आए। दो स्वतंत्र गवाह के समझ वीडियो ग्राफी करवा कर दरवाजा को तोड़ाकर देखा तो उनका शव बीम से लगा मूडी टंगा हुआ है। एक सुसाइड नोट और मोबाइल भी बरामद हुआ है। अभी घटना के मुख्य कारण का पता नही चल पाया है।घर वाले अभी बोलने की स्थिति में नही है।शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे है आगे का जांच चल रही है।
आत्महत्या के कारणों के जाँच में जुटी पुलिस :
पुलिस ने घटना की आगे की जांच शुरु की है। पुलिस ने आत्महत्या के पीछे की असली वजह का पता लगाने में जुट गई है। हालांकि, डॉ.अनुराग आर्यन के इस कदम को लेकर क्षेत्र में अटकलों का बाजार गर्म है। घटना के पीछे परिवारिक कलह की चर्चाएं चल रही है। पुलिस जांच के बाद ही असली वजह सामने आएगी।
सुसाइड नोट में पत्नी को ठहराया जम्मेदार
मिली जानकारी के अनुसार त्रिवेणीगंज के जाने-माने दंत चिकित्सक डॉ.अनुराग आर्यन हाईस्कूल स्थित क्लिनिक चलाकर अपना जीवन यापन करते थे जहां अपने ही भाड़े के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। आत्महत्या करने से पहले उन्होंने एक नोट लिखा हैं। सुसाइड नोट में भी चिकित्सक अपनी पत्नी को जिम्मेदार ठहराया हैं। डियर, पूनम प्रकाश मैंने तुमसे वफा की उम्मीद की थी बदले में तुमने मुझे झूठे दहेज एवं अपने ही बच्चे का हथियारा घोषित कर दिया फिर भी मैंने तुम्हें माफ किया। डियर नीतू एक एक बार जिंदगी खत्म होने के बाद फिर से जिंदगी जीने का कोशिश कर रहा था लेकिन आज तुमने सारा भ्रम तोड़ दिया। साबित कर दिया कि जहाज जब डूबता पहले चूहे कूदते है। बाबू का ख्याल रखना उसके लिए कुछ छोड़ कर जा रहा हूं मेरे से भी बड़ा डॉक्टर बनाना तुम्हे भी माफ किया। आगे लिखा हैं मम्मी, पापा बहन एवं सभी लोग मुझे माफ कर देना। अनवी बाबू (आर्या) बाबू माफ कर देना आपका पापा कायर था आपकी पढ़ाई के लिए कुछ छोड़ कर जा रहा हूं। आप बड़ा डॉक्टर बनना ढेर सारा प्यार, अलविदा……