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Post: जिले में धड़ल्ले से चालू हैँ अवैध नर्सिंग होम्स या निजी अस्पताल

जिले में धड़ल्ले से चालू हैँ अवैध नर्सिंग होम्स या निजी अस्पताल

बेतिया से हमारे क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट :

ऐसे कितने अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय पदाधिकारियों के रहमों-करम से संचालित है और आए दिन घटनाये होते रहती है

यदा-कदा परिजनों की सजींदगी से और मामला बिगड़ने पर ऐसे करतबों का खुलासा होता है जो अक्सर समाचारों की सुर्ख़ियों में नज़र आता है

न्यूज़ डेस्क, जिला पश्चिम चंपारण

अमित तिवारी

–  अमिट लेख

नरकटियागंज, (ए.एल.न्यूज़)। बिहार के बेतिया जिले के नरकटियागंज स्थित गुप्ता हॉस्पिटल में बीते दिवस परिजनों के द्वारा सोमवार को जमकर हंगामा किया गया। परिजनों ने मीडिया को बताया कि ऑपरेशन में लापरवाही हुई है। सूत्रों की मानें तो ऑपरेशन होने के 10 15 घंटे तक मरीज को पेशाब की थैली नहीं लगी जिससे मरीज की हालत खराब होने लगी।

घटनास्थल पर मीडिया को घटना की डी जानकारी

मरीज के परिजनों द्वारा हंगामा करने के बाद पुलिस ने समय रहते घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को संभाल लिया। बताते चलें कि यह अस्पताल पूर्व में सील किया गया था। ऐसे कितने अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय पदाधिकारियों के रहमों-करम से संचालित है और आए दिन घटनाये होते रहती है। बगैर उचित संसाधनों के कागजी अमली जामा पहनाकर जिले के मुख्यालय समेत अनगिनत फर्जी नर्सिंग होम विभिन्न नामों से संचालित है।

फोटो : अमित तिवारी

और जिनके गुर्गे जिला स्तर पर तैनाद हैं जो नियमित रूप से आकर्षक कमीशन की लालच में मरीजों को फंसाकर बहुत ही कम लागत में ऑपरेशन कर मरीजों को स्वस्थ करने का दावा करते हुए छोटे मोटे मसलन, हाईड्रोसिल और बच्चेदानी का बेतरकीब चीर-फाड़ कर ऑपरेशन का नाम दे देते हैं इनके मकडजाल में वैसे तो गरीब और अनपढ़ मरीज ही फंसते हैं। परन्तु यदा-कदा परिजनों की सजींदगी से और मामला बिगड़ने पर ऐसे करतबों का खुलासा होता है जो अक्सर समाचारों की सुर्ख़ियों में नज़र आता है।

छाया : अमिट लेख

एक मामले में जिला मुख्यालय क्षेत्र से जुड़े एक दबंग होम्योपैथ चिकित्सक द्वारा दिल्ली के किसी चिकित्सक के नाम पर नर्सिंग होम की मान्यता लेकर धड़ल्ले से गरीब और अनपढ़ मरीजों से इलाज़ के नाम पर धन वसूली का कार्य बदस्तूर किया जा रहा है, बताते चले अपराधिक चिकित्सा व्यवस्था के आरोप में उक्त चिकित्सक पूर्व में जेल यात्रा भी कर चुका है। लिहाजा, प्रशासन को ऐसे मामलों में सटीक और कड़ी करर्वायी करने की सख्त जरुरत है।

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