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निर्वाचन प्रक्रिया में कोताही बर्दाश्त नहीं होगी : जिलाधिकारी

छपरा से हमारे प्रमंडलीय ब्यूरो का संकलन :

सेक्टर अधिकारियों की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने दिया सख्त संदेश

जिलाधिकारी अमन समीर ने एकमा व मांझी विधानसभा क्षेत्रों के सेक्टर पदाधिकारियों व पुलिस पदाधिकारियों की समीक्षा बैठकों को किया संबोधित

न्यूज़ डेस्क, छपरा/सारण

संवाददाता

–  अमिट लेख

एकमा/मांझी (सारण)। निर्वाचन प्रक्रिया में सेक्टर पदाधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह बात जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी अमन समीर ने सोमवार को एकमा व मांझी विधानसभा क्षेत्रों के सेक्टर पदाधिकारियों व पुलिस अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित किया।

फोटो : संवाददाता

इसी क्रम में नगर पंचायत एकमा बाजार के सभागार में संबोधित करते हुए जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि सेक्टर अधिकारी क्षेत्र में प्रशासन की आंख व कान होते हैं तथा उनके दायित्व चुनाव के आरंभ से लेकर समापन तक बने रहते हैं। निरीक्षक (प्रेक्षक) सीधे चुनाव आयोग को प्रत्यक्ष रिपोर्ट देते हैं, इसलिए आपकी जवाबदेही सर्वोपरि है। जिलाधिकारी श्री समीर ने बताया कि प्रेक्षागृह में आयोजित प्रशिक्षण वन-वे था। अब समीक्षा के आधार पर द्विपक्षीय संचार पद्धति अपनायी जा रही है। ताकि क्षेत्रीय समस्याओं, समझ और प्रयासों को सुन कर आवश्यक निर्देश दिए जा सकें। आगे केवल समझाने तक काम नहीं रहेगा; परिणामों के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा और किसी भी कमी या कोताही को क्षमा नहीं किया जाएगा।

छाया : अमिट लेख

अमन समीर ने प्रश्नोत्तर के माध्यम से बूथ तक पहुंचने वाले मार्ग, संभावित अवरोध, भविष्य की चुनौतियां व वैकल्पिक व्यवस्थाओं का आकलन करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि जोखिम ग्रस्त क्षेत्र व संवेदनशील बूथों की पहचान आपके रिपोर्ट के आधार पर ही होगी। आपकी रिपोर्ट से निवारक कार्रवाई, बल तैनाती व मतदाताओं में आत्म विश्वास लौटाने का काम तय होगा ताकि सभी नागरिक निर्भीक और बिना दबाव के स्वतंत्र रूप से मताधिकार का प्रयोग कर सकें। प्रत्येक सेक्टर अधिकारी के पास आवंटित बूथों का नक्शा, रूट चार्ट और संचार योजना होना अनिवार्य है। मतदान केंद्रों का भ्रमण कर भौतिक सत्यापन किया जाए और क्षेत्र का सर्वे कर सूचनाएँ इकट्ठा कर भेद्यता का मानचित्रण कर तय प्रारूप में स्पष्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करें। मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (आचार संहिता) के अनुपालन को भी उन्होंने संक्षेप व सरलता से समझाया और कहा कि क्षेत्र में इसका पालन आपके माध्यम से ही सुनिश्चित होगा। जिला अधिकारी ने मजिस्ट्रेट की शक्तियों का उल्लेख करते हुए बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण निर्वाचन सम्पन्न कराने में आप प्रथम आधार हैं। चुनाव से पूर्व आपको मजिस्ट्रेट की शक्तियाँ प्राप्त हो जाती हैं तथा कानून-व्यवस्था बनाए रखना भी आपकी जिम्मेदारी है। किसी भी छोटी घटना को भी संज्ञान में लें और तत्काल थानाध्यक्ष व बीडीओ को रिपोर्ट करें। ईवीएम की सुरक्षा, पोलिंग पार्टी का पोलिंग केंद्र तक और मतदान के बाद ईवीएमों का सुरक्षित कक्ष/बंडल रूम तक परिवहन एवं जमा करने तक की पूरी जवाबदेही आपके पास होगी। साथ ही रिज़र्व ईवीएम को तय वेयरहाउस में सुरक्षित रखना तथा ईवीएम परिचालन की प्रक्रिया को ठीक से समझना भी आवश्यक है। जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि सेक्टर अधिकारी किसी भी घटना के प्रथम रिस्पॉन्डर हैं, इसलिए क्षेत्र का पूरा फीडबैक उपलब्ध रहे। थानाध्यक्ष से पूर्व में ज्ञात संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी लेकर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करायें। उधर इसके पूर्व मांझी में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि मांझी विधानसभा के अंतरराज्यीय सीमा वाले हिस्सों पर कड़ी निगरानी और जांच बरती जाएगी। सभी थानों में तीन-तीन स्थायी जांच केंद्र (एसएसटी) स्थापित करने का प्रस्ताव अविलम्ब थानाध्यक्ष द्वारा भेजा जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि चुनाव एक संवेदनशील कार्य है और इसमें जीरो टॉलरेंस नीति अपनायी जाती है। जरा सी भी कोताही अक्षम्य होगी और सीधे चुनाव आयोग द्वारा कार्रवाई की जाएगी। उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद इकबाल ने वोटिंग से पहले, मतदान के दिन और मतदान समाप्ति तक के समस्त कार्यों की विस्तृत कार्यसूची प्रस्तुत की और भविष्य में ईवीएम संचालन, पोलिंग प्रक्रिया व पोल-डे रिपोर्टिंग की ट्रेनिंग की जानकारी दी। संबंधित रिपोर्टिंग के प्रारूप भी प्रदान किए जाएंगे। समीक्षा बैठकों में एकमा के आरओ सह जिला पंचायत राज पदाधिकारी शशि कुमार, मांझी के आरओ व सदर भूमि सुधार अपर समाहर्ता आलोक राज, एसडीपीओ सदर- एकमा राज कुमार, एकमा अंचल पुलिस निरीक्षक वीरेंद्र कुमार सिंह, एकमा बीडीओ डॉ अरुण क…

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