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Post: शिक्षा विभाग का पर्दाफाश कर रहा मझौआ का सरकारी विद्यालय 19 वर्षों से पेड़ की छाँव में हो रहा संचालित

शिक्षा विभाग का पर्दाफाश कर रहा मझौआ का सरकारी विद्यालय 19 वर्षों से पेड़ की छाँव में हो रहा संचालित

बगहा से हमारे संवाददाता की रिपोर्ट :

शिक्षा विभाग की खुली कलयी : 19 साल से पेड़ों छांव में संचालित है मझौआ विद्यालय

स्कूल की सच्चाई ने उठाए शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

न्यूज़ डेस्क, बगहा पुलिस जिला 

जगमोहन काजी

– अमिट लेख

बगहा, (ए.एल.न्यूज़)। प्रखंड एक के पंचायत मझौआ के पहाड़ी मझौआ स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय की हालत जिले की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े कर रही है। वर्ष 2006 में स्थापित यह विद्यालय आज तक भवन और भूमि के अभाव में पेड़ों की छांव तले संचालित हो रहा है। कक्षा 1 से 5 तक की पढ़ाई वाले इस विद्यालय में 156 बच्चों का नामांकन है, जिनमें प्रतिदिन औसतन 135 छात्र उपस्थित रहते हैं। सात शिक्षकों की तैनाती के बावजूद विद्यालय के पास न तो भवन है और न ही शौचालय की सुविधा। प्रधानाध्यापक बैरिस्टर राम और अन्य शिक्षक बच्चों को खुले आसमान के नीचे पढ़ाने को मजबूर हैं। बरसात के मौसम में स्थिति और विकट हो जाती है। ऐसे दिनों में प्रधानाध्यापक को बच्चों को घर भेजना पड़ता है या पास के आंगनबाड़ी केंद्र में अस्थायी तौर पर कक्षाएं लगानी पड़ती हैं। मिड-डे मील बनने के बाद घर गए बच्चों को वापस बुलाकर भोजन कराया जाता है। शौचालय न होने से बच्चों को झाड़ियों में जाने को मजबूर होना पड़ता है। सहायक शिक्षक जयप्रकाश पाठक की पहल पर यह विद्यालय एक स्थानीय सागवान के बगीचे में चल रहा है। कई बार बीईओ से लेकर डीएम और मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई गई, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला। वर्ष 2008 में भवन निर्माण के लिए राशि स्वीकृत भी हुई थी, लेकिन भूमि विवाद के चलते पैसा वापस लौट गया। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पूरण कुमार शर्मा ने स्वीकार किया कि पहाड़ी मझौआ विद्यालय की समस्या उनके संज्ञान में है। पहले की गई भूमि तलाश विवादित निकली थी। फिलहाल जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने अंचल अधिकारी को नए सिरे से जमीन उपलब्ध कराने का पत्र लिखा है। भूमि मिलते ही भवन निर्माण शुरू करने का आश्वासन दिया गया है। बड़ा सवाल यह है कि आखिर कब तक मासूम विद्यार्थी खुले आसमान तले शिक्षा पाने को विवश रहेंगे और शिक्षा व्यवस्था के जिम्मेदार इस समस्या का स्थायी हल निकाल पाएंगे?

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